
महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता 1966 की धारा 85 के अनुसार, संयुक्त स्वामित्व वाली भूमि में यदि एक से अधिक सह-स्वामी हों, तो उसके बंटवारे के लिए जिलाधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है। लेकिन यदि स्वामित्व को लेकर विवाद हो, तो दीवानी न्यायालय में जाना पड़ता है और उसके निर्णय की प्रतीक्षा करनी होती है। आदेश आने के बाद बंटवारा तहसीलदार के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए एक भी रुपया शुल्क नहीं लिया जाता।इसके अलावा, यदि पिता की सहमति से बच्चों के नाम जमीन या संपत्ति की हिस्सेदारी दी जा रही हो, तो इसके लिए 1–2% स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन शुल्क और 200 या 500 रुपये का स्टाम्प पेपर लगता है।
लेकिन अब राजस्व विभाग का नया प्रस्ताव लागू हुआ तो बिना कोई अतिरिक्त शुल्क भरने के केवल 500 रुपये के स्टाम्प पर पुश्तैनी जमीन के हिस्से बच्चों के नाम किए जा सकेंगे। सभी की सहमति होने के बाद यह स्टाम्प उप-निबंधक कार्यालय में जमा किया जाएगा। इसके बाद संबंधित बच्चों के नाम पर उतना क्षेत्र दर्ज किया जाएगा। यही प्रक्रिया रहने वाली है।
पहले जमीन नाम पर करने की पद्धति
अभी तक पिता की जमीन बच्चों के नाम करने के लिए वाटप पत्र या बख्शीस पत्र की जरूरत पड़ती है। इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगती, लेकिन बंटवारे के लिए 1,000 से 3,000 रुपये तक रजिस्ट्रेशन शुल्क और 500 रुपये का स्टाम्प देना पड़ता है। यदि जमीन का हिस्सा बेटी या बहन के नाम करना हो तो 1% स्टाम्प ड्यूटी और 200 रुपये का स्टाम्प लगता है।लेकिन अब नए शासन निर्णय के अनुसार, आप बिना किसी रजिस्ट्रेशन शुल्क के केवल 500 रुपये के स्टाम्प पेपर पर ही जमीन अपने नाम करवा सकेंगे।



