नई दिल्ली– देश में चलने वाली कारें कितनी सुरक्षित हैं अब यह भारतीय एजेंसी ही तय करेगी। ये 1 अक्टूबर से सेफ्टी रेटिंग देना शुरू कर देंगी। पहले यह काम दो विदेशी कंपनियां करती थीं। कारों को 0 से 5 स्टार तक की रेटिंग दी जाती है। 0 मतलब अनसेफ और 5 मतलब पूरी तरफ सेफ।
मंगलवार को दिल्ली में हुए एक इवेंट में केंद्रीय सड़क-परिवहन राज्यमंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय एजेंसी भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम लॉन्च की। यह पुणे के चाकन में भारतीय परिस्थितियों के अनुसार तय नॉर्म्स पर कारों का क्रैश टेस्ट करेगी।
अभी GNCAP और LNCAP तय करती थीं रेटिंग
इससे पहले विदेशी एजेंसी ग्लोबल एनकैप (GNCAP) और लैटिन एनकैप (LNCAP) अपने स्टैंडर्ड के अनुसार भारतीय कारों का टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देती थीं। यह रेटिंग कई मायनों में भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से फिट नहीं होती, इसलिए केंद्र सरकार ने अपने रेटिंग सिस्टम BNCAP की शुरुआत की।
सुरक्षा और क्वालिटी के प्रति जागरूक हैं लोग
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, ‘देश में हर साल 5 लाख से ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं। इनमें करीब 1.50 लाख लोग जान गंवा देते हैं। लोग अब व्हीकल की क्वालिटी और सेफ्टी को लेकर जागरूक हुए हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई नया विकल्प है तो लोग उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।’गडकरी ने कहा, ‘भारत-NCAP के तहत देश में व्हीकल की टेस्टिंग कॉस्ट करीब 60 लाख रुपए होगी, जबकि ग्लोबल लेवल पर यह कॉस्ट 2.5 करोड़ रुपए है। यानी अब देशी एजेंसी से टेस्टिंग कराने पर कंपनियों का 75% कम खर्च होगा।
भारत NCAP से फायदा क्या होगा?
इससे ग्राहकों को बेहतर सेफ्टी वाली कार चुनने का ऑप्शन मिलेगा। साथ ही देश में सुरक्षित कार बनाने के लिए कंपनियों में कॉम्पिटिशन बढ़ेगा। उन्हें टेस्टिंग के लिए अपनी कार विदेश भी नहीं भेजनी पड़ेगी।केंद्र ने एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई है। यह BNCAP की टेस्टिंग का एनालिसिस करेगी। मॉनिटरिंग कमेटी की मंजूरी मिलने पर ही BNCAP अपनी वेबसाइट पर स्टार रेटिंग और टेस्ट रिजल्ट्स शो करेगा।