
सरकार बोली- इससे निपटारा और उत्तराधिकार में क्लेरिटी रहेगी
मंत्रालय ने कहा, ‘ग्राहक चार नॉमिनी बना सकते हैं और हर नॉमिनी का हिस्सा या प्रतिशत तय कर सकते हैं। इससे सभी नॉमिनी के बीच ट्रांसपैरेंट बंटवारा होगा।जो लोग डिपॉजिट, सेफ कस्टडी में सामान या लॉकर रखते हैं, वो चार नॉमिनी बना सकते हैं। अगर ऊपर वाला नॉमिनी नहीं रहा, तो अगला नॉमिनी काम करेगा। इससे निपटारा और उत्तराधिकार में क्लेरिटी रहेगी।अगले महीने से लागू हो रहे बैंकिंग कंपनियां (नॉमिनेशन) नियम 2025 में नॉमिनेशन बनाने, रद्द करने या एक से ज्यादा नॉमिनी तय करने के लिए प्रोसेस औरस फॉर्म होंगे जल्द जारी होंगे।’
डिपॉजिट खातों के लिए दो तरह की नॉमिनेशन
- एक साथ नॉमिनेशन: अकाउंट होल्डर चार लोगों को नॉमिनी बना सकता है और हरेक का हिस्सा (%) तय कर सकता है। इससे तय होगा कि कुल हिस्सा 100 प्रतिशत के बराबर हो।
- अलग-अलग नॉमिनेशन: इसमें दूसरा नॉमिनी तभी सक्रिय होगा जब पहले नॉमिनी का निधन हो जाएगा। यह सुविधा डिपॉजिट अकाउंट, सेफ कस्टडी और लॉकर सर्विसेज के लिए लागू होगी।
बैंकिंग लॉज अमेंडमेंट एक्ट में बड़े बदलाव
- अब किसी खाते में 2 करोड़ रुपए को ‘बड़ी हिस्सेदारी’ माना जाएगा, पहले यह सीमा 5 लाख रुपए थी। इससे बैंक में गलत नियंत्रण का खतरा कम होगा।
- कोऑपरेटिव बैंकों के डायरेक्टर (चेयरमैन और फुल-टाइम डायरेक्टर को छोड़कर) अब 8 साल की जगह 10 साल तक काम कर सकेंगे।
- अगर पब्लिक सेक्टर बैंकों में कोई पैसा, शेयर या ब्याज 7 साल तक कोई नहीं लेता, तो उसे इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (IEPF) में भेज दिया जाएगा।
- पहले बैंक हर दूसरे शुक्रवार को RBI को रिपोर्ट देते थे। अब ये महीने के आखिरी दिन होगा, और रिपोर्ट देने का समय 7 दिन से घटाकर 5 दिन कर दिया गया है।
- पब्लिक सेक्टर बैंकों के ऑडिट अब कंपनियों के नियमों (कंपनीज एक्ट, 2013) के हिसाब से होंगे।
- डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (DICGC) को अब बैंकों से रियल-टाइम डेटा मिलेगा। इससे अगर कोई बैंक मुश्किल में हो, तो पहले ही कदम उठाए जा सकेंगे।
इन बदलाव से आम आदमी को क्या मिलेगा?
- बैंकों का कामकाज ज्यादा पारदर्शी और तेज होगा।
- आपके पैसे और लॉकर की सुरक्षा बढ़ेगी।
- नॉमिनेशन के नए नियमों से आपके परिवार को आसानी होगी।
- पुराने नियमों को आज के समय के हिसाब से अपडेट किया गया है, जिससे बैंकिंग अनुभव बेहतर होगा।



