अकोला : लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में जाति प्रमाण पत्रों के लिए दो लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें सभी नाम बांग्लादेशी व्यक्तियों के हैं. साथ ही, लोकसभा चुनाव में राज्य में महाविकास आघाड़ी को अधिक सीटें मिलने के बाद जन्म प्रमाण पत्रों के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या बढ़ गई है. यह आरोप भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शुक्रवार को अकोला किया. जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1961 में 10 सितंबर 2023 की सरकारी अधिसूचना के अनुसार संशोधन किया गया है, जिसमें देरी से जन्म और मृत्यु पंजीकरण के अधिकार जिलाधिकारी और उपविभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं. इसके तहत अकोला जिले में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्रों के लिए 15,845 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सातों तहसीलों में 10,273 जन्म प्रमाण पत्रों का वितरण तहसीलदारों द्वारा किया गया है. इस संदर्भ में जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी अजीत कुंभार से चर्चा के बाद किरीट सोमैया पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर जन्म प्रमाण पत्रों के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ी है. अब तक प्राप्त दो लाख आवेदनों में सभी नाम बांग्लादेशी व्यक्तियों के हैं. इस दौरान विधायक रणधीर सावरकर, विधायक वसंत खंडेलवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष किशोर मांगटे-पाटील, महानगर अध्यक्ष जयंत मसने,विजय अग्रवाल आदि उपस्थित थे.
मिशन ‘वोट जिहाद’ है
लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में जन्म प्रमाण पत्रों के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है. इसे ‘वोट जिहाद’ करार देते हुए किरीट सोमैया ने कहा कि यह हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है.
मालेगांव के बाद अकोला बन रहा केंद्र
राज्य के मालेगांव (धुलिया) में जन्म प्रमाण पत्र वितरण घोटाला उजागर हुआ था, जिसमें दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है. मालेगांव के बाद अकोला अब ऐसा केंद्र बनता जा रहा है, यह आरोप भी किरीट सोमैया ने लगाया
किरीट सोमैया ने कहा है कि उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए महाराष्ट्र के अकोला जिले से जन्म प्रमाण पत्र/रिकॉर्ड हासिल किया है। अकोला जिले में 15,845 बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में घोटाला हुआ है। सोमैया का दावा है कि उन्होंने निम्नलिखित संख्याओं में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किए: अकोला 4849, अकोट 1899, बालापुर 1468, मुर्तिजापुर 1070, तेल्हारा 1262, पातुर 3978, बार्शीटाकली 1319।