आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में जमकर हंगामा हो रहा है। दसियों हजार छात्रों ने सारी रुकावटों को पार करते हुए राजधानी ढाका पर कब्जा कर लिया और भारी तोड़फोड़-आगजनी की। मिली जानकारी के अनुसार, बांग्लादेशी संसद आज भंग होने वाली है। एक दिन पहले ही शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कल देर शाम सैन्य समर्थित कार्यवाहक सरकार के गठन पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में शामिल हुए विपक्षी दलों के नेता
सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, नौसेना और वायुसेना प्रमुख तथा बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के शीर्ष नेता इस बैठक में शामिल हुए।
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को भी रिहा करने का आदेश दिया, जबकि उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी शेख हसीना को पद से हटा दिया गया था।
सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कल घोषणा की कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और सेना अंतरिम सरकार बनाएगी।
देश को हुआ है बहुत नुकसान- जनरल वाकर
जनरल वाकर ने कहा, देश को बहुत नुकसान हुआ है, अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है, कई लोग मारे गए हैं – अब हिंसा को रोकने का समय आ गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट का अल्टीमेटम दिया गया था। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री के रूप में अपना पांचवां कार्यकाल शुरू करने वाली शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद एक सैन्य विमान में राज्य की राजधानी ढाका से भारत के लिए रवाना हुईं। 76 वर्षीय हसीना के साथ उनकी छोटी बहन शेख रेहाना भी थीं।
अब तक हो चुकी है 300 से ज्यादा लोगों की मौत
शेख हसीना जुलाई के शुरू से ही अपनी सरकार के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन रविवार को हुए क्रूर दंगों के बाद वह देश छोड़कर भाग गईं। इन दंगों में लगभग 100 लोग मारे गए। इसके साथ ही सरकार विरोधी प्रदर्शनों के शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है।
जान गंवाने वालों के प्रति जताया शोक
राष्ट्रपति की प्रेस टीम ने एक बयान में कहा कि शहाबुद्दीन के नेतृत्व में हुई बैठक में सर्वसम्मति से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तत्काल रिहा करने का निर्णय लिया गया। बैठक में आरक्षण विरोधी आंदोलन में मारे गए लोगों की याद में शोक प्रस्ताव भी पेश किया गया। वहीं दिवंगत आत्माओं की शांति व क्षमा की प्रार्थना भी की गई।
अन्य समुदायों को नुकसान न पहुंचाने की अपील
बैठक में इस बात पर भी आम सहमति बनी कि किसी भी समुदाय को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। इससे पहले हसीना के भारत रवाना होने पर बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने उनके इस्तीफे की खबर की पुष्टि की और कहा कि देश चलाने के लिए जल्द ही एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा।