देश के तमाम ग्रामीण इलाकों में आज भी इसके सूखे गोले साबुन और क्लीनर के विकल्प के रूप में उपयोग किए जाते हैं। इसके साबुन के कई स्वास्थ्य लाभ हैं l
श्वसन स्वास्थ्य के उपयोगी है रीठा
दमा के लक्षणों को ठीक करने के लिए रीठे की गंध को सांस लेना एक सदियों पुराना उपाय है। दमा का मरीज अगर रीठा के पे़ड़ के फलों को पीसकर सूंघ तो समस्या कम हो सकती है। इसके अलावा आप रीठा के फल को काली मिर्च के साथ पानी में पीसकर घोल की कुछ बूंदें नाक में डालें तब भी सांस की समस्या ठीक हो सकती है। गांव में आज भी ये प्रक्रिया जारी है। आप अपने डॉक्टर से अस्थमा के लिए रीठा युक्त दवाएं भी मांग सकते हैं।
नैचुरल इम्यूनिटी बूस्टर है रीठा
बालों के लिए फायदेमंद है रीठा
रीठा में झागकारक गुण होते हैं जो बालों में जमी गंदगी और तेल को साफ करने में मदद करते हैं। रीठा में मौजूद विटामिन और सैपोनिन बालों की चमक को बरकरार रखते हैं। ग्रामीण महिलाएं रीठा, आंवला शिकाकाई के मिश्रण से आज भी अपने बालों को साफ करती हैं।
इसके प्रयगो से बालों का सूखापन भी कम हो जाता है। रीठा में मौजूद पोषक तत्व बालों को जड़ से मजबूत करते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटिफंगल गुण होते हैं, इसलिए ये बालों में जूं और रूसी को दूर करने में भी मददगार है।
माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में असरदार है रीठा
रीठा माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में के गुण रखता है। इसके एक-दो फलों को काली मिर्च, पानी के साथ पीस लें और इस घोल को कुछ मिनट के लिए लगा रहने दें। इसके बाद अपने नाक में इसकी दो बूंदे डालें जिससे माइग्रेन का सिरदर्द हो जाता है। ये उपाय उपयोगी साबित हो सकते हैं, लेकिन इनका अभ्यास करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।