महाराष्ट्र में औरंगाबाद हुआ छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर हुआ धाराशिव, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी!

महाराष्ट्र– केंद्र सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव रखने के महाराष्ट्र सरकार के आग्रह को मंजूरी दे दी है।

केंद्र सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव रखने के महाराष्ट्र सरकार के आग्रह को मंजूरी दे दी है।महाराष्ट्र में दो जिलों – औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला जाएगा। औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव रखा जाएगा। इन दोनों जिलों के नाम बदलने को लेकर शुक्रवार को केंद्र की तरफ से मंजूरी दे दी गई।केंद्र सरकार के इस फैसले को मंत्री गिरीश महाजन ने ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इसे हासिल किया गया है क्योंकि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी सत्ता में है।”

29 जून, 2022 को एमवीए सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में नाम बदलने का निर्णय लिया गया था। सत्ता में आने के बाद 16 जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार की तरफ से इसकी पुष्टि की गई थी क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि पहले का निर्णय अवैध था।शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एमवीए सरकार के फैसले को नहीं पलटने के लिए शिंदे सरकार को धन्यवाद दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा, “इस बात का शुक्रिया क्योंकि उन्होंने हमारी सरकार की तरफ से लाए गए कई अन्य फैसलों में साथ दिया है।

“बीजेपी ने साधा था एमवीए पर निशाना

इस मुद्दे को लेकर बीजेपी समेत एमएनएस और अन्य विपक्षी पार्टियों में भी महाविकास अघाड़ी पर जमकर निशाना साधा था। जब तक ठाकरे ने यह फैसला नहीं लिया था तब तक उन्होंने इस बात के लिए जमकर कोसा गया था। दरअसल नाम बदलने को लेकर दोनों तरफ से जबरदस्त आरोप प्रत्यारोप देखने को मिला था।

औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम बदलकर धाराशिव रखा जाएगा। इन दोनों जिलों के नाम बदलने को लेकर शुक्रवार को केंद्र की तरफ से मंजूरी दे दी गई।केंद्र सरकार के इस फैसले को मंत्री गिरीश महाजन ने ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इसे हासिल किया गया है क्योंकि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी सत्ता में है।”

29 जून, 2022 को एमवीए सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में नाम बदलने का निर्णय लिया गया था। सत्ता में आने के बाद 16 जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार की तरफ से इसकी पुष्टि की गई थी क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि पहले का निर्णय अवैध था।शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एमवीए सरकार के फैसले को नहीं पलटने के लिए शिंदे सरकार को धन्यवाद दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा, “इस बात का शुक्रिया क्योंकि उन्होंने हमारी सरकार की तरफ से लाए गए कई अन्य फैसलों में साथ दिया है।”बीजेपी ने साधा था एमवीए पर निशाना

इस मुद्दे को लेकर बीजेपी समेत एमएनएस और अन्य विपक्षी पार्टियों में भी महाविकास अघाड़ी पर जमकर निशाना साधा था। जब तक ठाकरे ने यह फैसला नहीं लिया था तब तक उन्होंने इस बात के लिए जमकर कोसा गया था। दरअसल नाम बदलने को लेकर दोनों तरफ से जबरदस्त आरोप प्रत्यारोप देखने को मिला था।

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