300 एकड़ की साइट पर प्लांट बनेगा
मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि ताइवान की कंपनी ने बेंगलुरु में एयरपोर्ट के करीब 300 एकड़ की साइट पर प्लांट बनाने का प्लान बनाया है। यह फैक्ट्री पार्ट बनाने के साथ एपल के हैंडसेट भी असेंबल कर सकेगी। फॉक्सकॉन अपनी इस साइट को नए इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस के लिए कुछ पार्ट्स का प्रोडक्शन करने के लिए भी यूज कर सकती है।
भारत में इस प्लांट के बनने से लगभग 100,000 जॉब्स क्रिएट होने की उम्मीद है। चीन के झेंग्झौ में कंपनी के विशाल आईफोन असेंबली कॉम्प्लेक्स में इस समय लगभग 200,000 कर्मचारी काम करते हैं। हालांकि पीक प्रोडक्शन सीजन के दौरान यह संख्या बढ़ जाती है। भारत में फॉक्सकॉन का ये इन्वेस्टमेंट अब तक का उसका यहां सबसे बड़ा सिंगल इन्वेस्टमेंट है।
भारत सरकार की PLI स्कीम का हिस्सा एपल
एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा है। इस स्कीम के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 2020 में भारत सरकार ने PLI Scheme को लॉन्च किया था। इस स्कीम से बाहर के देशों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का फायदा उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें।जियो पॉलिटिकल टेंशन और कोरोना महामारी के बाद एपल ने चीन से निर्भरता कम की और भारत में भी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाई.
अलग-अलग देशों में अलग कीमतें
अमेरिका में सबसे कम कीमतों पर आईफोन मिलते हैं। चीन में मैन्युफैक्चरिंग के बावजूद अमेरिका की तुलना में आईफोन महंगा बिकता हैं। ऐसा करेंसी फ्ल्कचुएशन और चीन में लगाए जाने वाले भारी भरकम वैल्यू ऐडेड टैक्स के कारण होता है। इसी तरह भारत में भी मैन्युफैक्चरिंग के बावजूद आईफोन अमेरिका की तुलना में काफी महंगा बिकता है। अमेरिका के बाद हॉन्गकॉन्ग, जापान ऐसी जगहें हैं जहां ये सस्ता मिलता है।