नई दिल्ली- शिक्षा मंत्रालय देश के सभी स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए AADHAR की तर्ज पर स्टूडेंट्स का यूनिक APAAR ID बनाने की तैयारी कर रहा है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP, 2020) के तहत प्री-प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक ‘वन नेशन वन स्टूडेंट ID’ स्कीम के तहत स्टूडेंट्स का APAAR ID बनाया जाएगा। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को स्टूडेंट्स का APAAR ID बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
APAAR का यह अर्थ है-
A – ऑटोमेटेड
P – पर्मानेंट
A – एकेडमिक
A – अकाउंट
R – रजिस्ट्री
सेंट्रलाइज्ड पोर्टल पर होगी देश के हर बच्चे की डिटेल
देश भर में स्कूली शिक्षा से जुड़े अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स- स्कूल, स्टूडेंट्स और टीचर्स के रियल-टाइम डेटा को मॉनिटर करने के लिए एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल बनाया जा रहा है। APAAR ID से इस सेंट्रलाइज्ड पोर्टल पर स्कूली बच्चों का एकेडमिक रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी।
स्टूडेंट्स बैंक ऑफ क्रेडिट के तौर पर होगा ID का उपयोग
ID को स्टूडेंट के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के तौर पर उपयोग किया जाएगा यानी प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन तक स्टूडेंट को मिला हर क्रेडिट (स्कोर) इस ID पर मौजूद होगा। हर स्टूडेंट के पास इस ID का लाइफ लॉन्ग एक्सेस होगा। ये जानकारी स्कूलों में एडमिशन लेने या सेशन के बीच स्कूल बदलने में काम आएगी।
UDISE+ पोर्टल पर मिलेगा स्टूडेंट्स का डेटा
अब तक स्कूल स्टूडेंट्स का पूरा डेटा- हाइट, वजन, ब्लड ग्रुप से लेकर सभी एकेडमिक डिटेल्स मैन्युअली सरकार के यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस पोर्टल (UDISE+) पर अपलोड किया जा रहा था। स्कूलों के लिए इस प्रोसेस को आसान बनाने के लिए APAAR ID बनाया जा रहा है। शिक्षा मंत्रालय ने देश में सभी स्कूलों की ऑनलाइन डायरेक्टरी बनाने के लिए UDISE+ पोर्टल तैयार किया है।
सिर्फ सरकारी संस्थाएं ही एक्सेस कर सकेंगी ID से डेटा
पहली बार ID पर स्टूडेंट की जानकारी स्कूलों को ही अपडेट करनी होगी। इसके बाद APAAR ID से UIDSE+ पोर्टल के जरिए देश के 14 लाख स्कूलों में पढ़ने वाले 26 करोड़ 50 लाख बच्चों और 95 लाख टीचर्स की पूरी जानकारी स्टूडेंट डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (SDMS) पर मिल जाएगी। ये डेटा सिर्फ सरकारी संस्थाएं जैसे टेस्ट कंडक्ट कराने वाली बॉडीज ही एक्सेस कर सकेंगी।
कब और कैसे बनेंगी APAAR ID
बच्चों की APAAR ID स्कूलों द्वारा ही बनाई जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। शुरुआत में केवल उन्हीं बच्चों की ID बनाई जाएगी जिनके पैरेंट्स इसकी इजाजत देंगे। इसे आधार से भी लिंक किया जाएगा। हालांकि, आधार नंबर APAAR ID पर मास्क्ड रहेगा यानी दिखाई नहीं देगा।