नई दिल्ली- हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा विशेष महत्व रखती है। माना गया है कि गणेश उत्सव के 10 दिनों में गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख-संताप समाप्त हो जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपित विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन बप्पा वापस अपने घर जाते हैं। ऐसे में उन्हें खुशी-खुशी विदा करना चाहिए
19 सितंबर 2023 से देशभर में गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ होता है। इस साल गणेश विसर्जन 28 सितंबर 2023 गुरुवार के दिन किया जाएगा।
गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
इस साल गणेश विसर्जन 28 सिंतबर 2023, गुरुवार के दिन किया जाएगा। कुछ लोग डेढ़, तीन, पांच अथवा सातवें दिन भी गणपति जी का विसर्जन करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं अलग-अलग दिन गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
तीसरे दिन में गणपित विसर्जन का शुभ मुहूर्त – 21 सितंबर 2023 को सायाह्न मुहूर्त शाम 06 बजकर 21 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। साथ ही अपराह्न मुहूर्त शाम 04 बजकर 50 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
पांचवें दिन का शुभ मुहूर्त – 23 सितंबर 2023, शनिवार के दिन अपराह्न मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस दिन सायाह्न मुहूर्त शाम 06 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
सातवें दिन गणपित विसर्जन का मुहूर्त – 25 सितंबर 2023 सोमवार के दिन अपराह्न मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं, सायाह्न मुहूर्त शाम 06 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त – 28 सितंबर 2023, गुरुवार के दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम को शुभ मुहूर्त 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक गणेश विसर्जन किया जा सकेगा।
गणेश विसर्जन की पूजा विधि
गणपति जी के विसर्जन से पहले गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान गणेश जी को लाल चन्दन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि अर्पित करें। परिवार सहित गणपति की आरती करें। इस दिन हवन करना भी बहुत शुभ माना जाता है। विसर्जन से पहले गणेश जी के हाथ में लड्डू की पोटली दे सकते हैं। अंत में अपनी गलतियों के लिए गणेश जी से क्षमा याचना करें और उनके जल्दी वापस आने की कामना करें। इसके बाद बप्पा की मूर्ति को धूमधाम से विसर्जित करें।