मुंबई- चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि महाराष्ट्र में शुरू की गई मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना कई योजनाओं को प्रभावित कर रही है। इस योजना पर प्रति वर्ष 45,000 करोड़ रुपये के भारी-भरकम खर्च ने सरकार के खजाने पर भारी दबाव डाला है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने स्वीकार किया है कि इस वित्तीय बोझ के कारण इस साल दिवाली के दौरान गरीबों को दी जाने वाली आनंदचा शिधा बंद कर दी गई है।
भुजबल ने स्पष्ट किया कि लाडली बहन योजना के लिए आवश्यक धनराशि अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को प्रभावित कर रही है। वर्तमान में, सरकार धन की बचत पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसलिए, लगभग 350 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की लागत वाली आनंदचा शिधा योजना को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।इस योजना का राज्य की वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है और सामाजिक न्याय विभाग तथा आदिवासी विकास विभाग का धन भी लड़की बहन योजना में चला गया है। विपक्षी दलों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि एक लोकप्रिय योजना आम लोगों के साथ अन्याय कर रही है।
वित्तीय स्थिति में सुधार होने पर फिर से शुरु हो सकती है योजना
भुजबल ने आगे कहा कि यदि भविष्य में राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है, तो आनंदचा शिधा योजना को फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। लेकिन वर्तमान में लाडली बहन योजना के भारी खर्च को देखते हुए, सरकार के लिए कई योजनाओं पर ब्रेक लगाने का समय आ गया है। इसलिए, यह स्पष्ट है कि इस दिवाली जरूरतमंद परिवारों को आनंदचा शिधा नहीं मिलेगी।