औद्योगिक विकास महामंडल भ्रष्ट अधिकारियों को क्या इनाम के रूप में दे रहा है प्रमोशन ?

मुंबई- औद्योगिक विकास महामंडल के विदर्भ स्थित अमरावती के प्रादेशिक अधिकारी कार्यालय के अधिकारी द्वारा अपने मित्रजनों एवं दलालो को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिये सभी नियमों को ताक पर रखकर भूखंड धारको के सभी गलत कार्य किए गए जिसमे झुटे व बनवटी कागज एवं प्रमाणपत्र बनाये गये और यह सब मुंबई मुख्यालय स्थित वरिष्ठ अधिकारी के आशीर्वाद से ही हो पाया ऐसा सूत्रों का कहना है वहीं दूसरी और इस प्रभारी प्रादेशिक अधिकारी द्वारा उद्योजको को डराने के लिये नियम बाह्य तरीके से नोटीस भेजे गए और उद्योजको से मोटी रकम वसूल की गई यह पूरी घटना स्थानिक औधोगिक संगठनों एवं विधायकों के ध्यान में आते ही इसकी शिकायत माननीय उधोग मंत्री महोदय से की गई और इस पूरे घटना पर मुंबई स्थित एक्सप्रेस टावर में मीटिंग ली गई और उस बैठक में इस भ्रष्टाचारी कलंकित करने को वाले प्रभारी प्रादेशिक अधिकारी को तत्काल प्रभाव से अमरावती के पद से हटाया गया.

परंतु मुंबई एक वरिष्ठ में बैठे अधिकारी से लेन देन कर करीब लाखो का व्यवहार कर उस वरिष्ठ अधिकारी ने पुनः अधिकारी को इस भ्रष्ट धुलिया में प्रादेशिक अधिकारी के पद पर बैठा दिया की बात यह है कि जिस व्यक्ति को गैर वर्तन एवं आर्थिक आरोपो के चलते पद से हटाया गया, जिसके कार्यों की जांच करने के बजाय उसे पदोन्नती देकर दूसरे जिले का इतना बड़ा प्रभार कैसे दिया जाता है? क्या एमआईडीसी में खुले आम भ्रष्टाचार चल रहा है? ऐसे कई सवाल राज्य के उद्योजक पूछ रहे हैं.

एक भ्रष्ट क्षेत्र व्यवस्थापक जिसका पूर्ण कार्यकाल भ्रष्टाचार एवं विवादो में भरा रहा ऐसे अधिकारी को इनाम के तौर पर प्रादेशिक अधिकारी धुलिया जैसे  बड़े पद पर पदोन्नती दी गयी जिससे यह भ्रस्ट अधिकारी मुख्यालय मे बैठे अधिकारी की जेब भर सके. औद्योगिक विकास महामंडल के नए सीईओ इस पूरी घटना पर कोई बड़ी कार्रवाई करेंगे इस और राज्य के उद्योजको का ध्यान लगा हुआ है। वहीं औद्योगिक संगठनों द्वारा औद्योगिक विकास महामंडल के सामने आंदोलन करने की रूपरेखा बनाई जा रही है ऐसी भी जानकारी स्थानीय सूत्रों से प्राप्त हुई है. amravati midc akola midc

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