अकोला: अकोला जिला स्त्री रुग्णालय के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 31 पदों की भर्ती के लिए की गई निविदा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। इस प्रकरण में जिल्हा सर्जन डॉ. तरंगतुषार वारे, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जयंत पाटील और प्रशासनिक अधिकारी ए. एन. डांबरे को निलंबित कर दिया गया है।
यह कार्रवाई महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर के आदेश पर की गई है और इन तीनों अधिकारियों पर विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। खास बात यह है कि पिछले छह महीनों से अकोला जिला स्त्री रुग्णालय को उसकी अच्छी सेवाओं के लिए शीर्ष पर माना जा रहा था।
निविदा प्रक्रिया में अपारदर्शिता और नियमों का उल्लंघन
यह संपूर्ण प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान की गई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एनआईसीयू में 31 पदों को बाहरी स्रोतों से संविदा पद्धति द्वारा भरने के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी। यह निविदा 19 जुलाई 2024 को प्रकाशित की गई थी, और आवेदन की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2024 थी। पूरी प्रक्रिया ‘GeM पोर्टल’ के माध्यम से की जानी थी।
कुल 72 निविदाएं प्राप्त हुईं, लेकिन अंतिम चरण में सिर्फ 4 निविदाओं को चयनित किया गया। विशेष बात यह रही कि इनमें से केवल दो निविदाओं को ही अधिकृत मंजूरी दी गई और दोनों को ठेका प्रदान किया गया।
जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि इस संपूर्ण प्रक्रिया में अपारदर्शिता, पक्षपात और तकनीकी परीक्षण के बिना ही निर्णय लिए गए। इन तीनों अधिकारियों पर लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप विधायक श्याम खोडे द्वारा लगाया गया था।
विधानसभा में गूंजा मुद्दा
इस मुद्दे की गूंज विधानसभा के वर्षा सत्र में भी सुनाई दी। वाशिम के भाजपा विधायक श्याम खोडे ने यह मामला सदन में उठाया और आरोप लगाया कि “अपनी पसंद के ठेकेदारों को काम दिलाने के लिए पूरी प्रक्रिया को तोड़ा-मरोड़ा गया।” इसके बाद राज्य सरकार ने तत्काल जांच समिति की स्थापना की
जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार सिद्ध
जांच समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि निविदा प्रक्रिया को नियमानुसार नहीं चलाया गया, अपात्र निविदाओं को ठहराने के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई, और कुछ चयनित ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के इरादे से निर्णय लिए गए। इस आधार पर तीनों वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
एक ही समय पर तीन वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन के कारण अकोला के स्वास्थ्य प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग की अन्य प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं।