मनपा शिक्षा समृध्दि कर्मचारी पतसंस्था महा घोटाले में बड़ी कार्यवाही..
जानकारी अनुसार बर्खास्त कर्मचारियों को अब कोई वेतन नहीं मिलेगा। साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन जैसा कोई लाभ नहीं दिया जाएगा।
अकोला- जिला उपनिबंधक कार्यालय की जांच में मनपा शिक्षा समृध्दि कर्मचारी पतसंस्था में घोटाला होने का मामला सामने आया, जिससे उपनिबंधक कार्यालय की ओर से रामदास पेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत के आधार पर व्यवस्थापक समेत संचालकों के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ था। संचालकों में मनपा में कार्यरत कर्मचारियों का समावेश होने से आयुक्त ने सन 2020 में संबंधित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था बाद में कार्रवाई वापस ली गई। सभी कर्मचारियों की विभागीय जांच जारी थी। जांच में कर्मचारी दोषी पाए जाने से आयुक्त व प्रशासक कविता द्विवेदी ने मामले से जुड़े तीन कर्मचारियों को टर्मिनेट कर दिया है, जिसमें लेखा विभाग में कार्यरत किशोर सोनटक्के, सुनीता चरकोलू, दमकल विभाग के प्रकाश फुलउंबरकर का समावेश है।
इसी प्रकार विजय खवले की विभागीय जांच पूरी होने पर उनकी भी सेवा समाप्त की गई। खवले मनपा के कर विभाग में कार्यरत थे। रिश्वत लेते हुए एन्टी करप्शन ब्यूरो ने पकड़ा था। तब से खवले निलंबित थे। वहीं सफाई कर्मचारी प्रताप मंगल हवेलिया पिछले दो वर्षों से लगातार अनुपस्थित थे, जिससे उनकी सेवा समाप्त की गई। इस कार्रवाई से अकोला महानगरपालिका में भ्रस्टाचारी और कामचोर कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया है।
सूत्रों के अनुसार एक बड़े अधिकारी सहित और 5 से 8 कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई तय मानी जा रही है। संबंधितों को लेकर जल्द ही आदेश जारी हो सकते है। मनपा आयुक्त की इस कार्रवाई से अलग-अलग मामलों में उलझे अधिकारी, कर्मचारियों के खुद को बचाने की फील्डिंग में लग गए है ।