सिंह संक्रांति का दिन बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि यह वह अवधि है जब सूर्य देव कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसे में जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में सूर्य सिंह राशि में है, उनके लिए यह संक्रांति अच्छी खबर लेकर आ रही है। इस शुभ समय पर भगवान सूर्य की पूजा विशेष मानी जाती है, जो लोग भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इस दिन का उपवास अवश्य रखना चाहिए। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
सिंह संक्रांति पर ऐसे चढ़ाएं सूर्य देव को जल
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- गंगाजल न हो तो स्नान के पानी में तुलसी की मंजरी भी डाल सकते हैं।
- साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें और फिर उसमें रोली, अक्षत, गुड़ और लाल फूल मिलाएं।
- नंगे पैर सूर्य देव को भाव के साथ अर्घ्य चढ़ाएं।
- वहीं, खड़े होकर सूर्य देव के नामों का जाप करें।
- इसके साथ ही 11 बार सूर्य नमोस्तु श्लोक का जाप करें।
- सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय ”ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:” आदि वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- तामसिक चीजों से परहेज करें और पैरों में अर्घ्य का पानी न पड़ने दें।
करें ये उपाय
सिंह संक्रांति व्रत का पालन करें और सूर्यदेव की भाव के साथ पूजा करें। इसके बाद गुड़, लाल पुष्प, तांबा, गेहूं आदि सामग्री का दान करें। फिर जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं। ऐसा करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होंगे। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
पूजा मंत्र
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय