अब आप महंगे लार्ज कंज्यूमर एप्लायंसेज के लिए तैयार हो जाएं. इस वैश्विक संकट के आपके लिए और क्या मायने हैं. आइए जानते हैं…

एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के तनाव और यूपी में चलते चुनाव के बीच आपके ऊपर महंगाई का हमला तेज हो रहा है. दावा है जीते कोई भी लेकिन आएगी महंगाई ही.
पेट्रोल, डीजल, बस कार में सफर, रसोई गैस, केरोसिन, साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट, पेंट्स, सिंथेटिक गारमेंट, स्कूटी, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन, टीवी, लैपटॉप, मोबाइल से लेकर घर बनाने तक सब महंगा हो सकते है.
आइए जानतें है पूरा मामला
- अब जब इन एप्लायंसेज को बनाने की लागत बढ़ेगी तो स्वभाविक है कि उनकी कीमत पर भी इसका असर होगा. साथ ही ईंधन की बढ़ती कीमत महंगाई की आग में घी का काम करेगी. बढ़ती महंगाई के साथ व्हाइट गुड्स की कीमत पर भी अलग ही असर पड़ेगा.
- कंपनियों ने जनवरी में ओमिक्रोन के चलते अपना प्रोडक्शन धीमा कर दिया था और अब फरवरी से फुल स्केल प्रोडक्शन चालू किया है. लेकिन प्रोडक्शन के साथ इनपुट कॉस्ट बढ़ने से अब कंपनियों के पास कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है.
- रिकॉर्ड महंगाई की वजह से पहले ही कंपनियां 2020 के बाद से कंपनियां तीन बार कीमतें बढ़ा चुकी हैं. फ्रिज, एसी और वाशिंग मशीन की कीमतें औसत रूप से 15 से 35 प्रतिशत बढ़ी हैं.
- 2019 में भारत में एप्लायंस और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स यानी ACE का बाजार 76 हजार 400 करोड़ रुपए का था, जिसके 2025 तक दोगुना होकर 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपए होने की उम्मीद है. लेकिन बढ़ती महंगाई से हो सकता है कि यह रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ जाए.



