नई दिल्ली– जल्द ही स्कूल और कॉलेजों में AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। केंद्र सरकार ने देश में AI को एजुकेशन सिस्टम में शामिल करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार कर लिया है। इसके तहत स्कूलों से लेकर ITI, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में हर स्तर पर AI की पढ़ाई होगी।
इंजीनियरिंग कॉलेजों में होगी 1200 घंटे AI की पढ़ाई
नए AI फ्रेमवर्क के मुताबिक अब IT इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को AI इंजीनियर कहलाने के लिए 1200 घंटे की पढ़ाई और ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। वहीं, नॉन IT इंजीनियर बैकग्राउंड के ITI और पॉलिटेच्निक स्टूडेंट्स को 150 घंटे की AI ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। स्कूल स्टूडेंट्स के लिए भी अलग फ्रेमवर्क डिजाइन किया गया है।
ITI स्टूडेंट्स के लिए अलग से 1 साल का ITI-AI कोर्स भी होगा। इसके अलावा सर्विस सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काम कर रहे लोगों के लिए भी AI सीखने के लिए मॉड्यूल तैयार किए गए हैं।
MeitY ने बनाई है एजुकेशन सिस्टम में AI को शामिल करने को लेकर रिपोर्ट
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के नेशनल प्रोग्राम ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तहत देश के एजुकेशन सिस्टम में AI को शामिल करने को लेकर कमिटी बनाई थी। इस कमिटी ने इस साल जून में स्कूल और कॉलेजों में AI पढ़ाने को लेकर नेशनल प्रोग्राम ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (NPAI) स्किलिंग नाम की रिपोर्ट सबमिट की।
इस रिपोर्ट में स्कूल और कॉलेजों में अलग-अलग लेवल पर बच्चों की जरूरत के हिसाब से AI का सिलेबस तय करने को लेकर गाइडलाइन दी गई है।
गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे होगी स्कूलों में AI की पढ़ाई-
स्कूलों में बच्चों की उम्र के हिसाब से AI करिकुलम डिजाइन किया जाएगा। बच्चों को AI के साथ मशीन लर्निंग, डेटा हैंडलिंग, प्रोग्रामिंग और एथिक्स जैसे सब्जेक्ट्स भी पढ़ाए जाएंगे।
नॉन IT इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स पढ़ेंगे AI के ये टॉपिक्स:
- बेसिक्स इन AI
- डेटा सेट एंड टाइप्स ऑफ डेटा
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT)
- रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन
- प्रॉब्लम सॉल्विंग एंड डिसिशन मेकिंग
- सर्चिंग अल्गोरिद्म टेक्निक्स
- मालवेयर थ्रेट्स
ITI स्टूडेंट्स को AI में पढ़ने होंगे ये टॉपिक्स:
- ChatGPT इन एजुकेशन
- ChatGPT और बार्ड फॉर फॉर वेबसाइट डिजाइन
- बेसिक्स ऑफ प्रांप्मट इंजीनियरिंग
इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स AI के ये टॉपिक्स पढ़ेंगे:
- AI अल्गोरिद्म
- मशीन लर्निंग
- डीप लर्निंग
- डेटा एनालिटिक्स
अब UGC, AICTE को बनानी होगी AI की पढ़ाई को लेकर नई गाइडलाइन
MeitY की कमिटी ने देश में एजुकेशन रेगुलेटरी बॉडी जैसे- UGC (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन), नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग )NCVET) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) को AI की पढ़ाई के लिए गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए हैं।
कमिटी ने इस फ्रेमवर्क को नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशंस फ्रेमवर्क (NHEQF) और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) में शामिल करने का भी सुझाव दिया है। ऐसा करने से देशभर में सभी स्कूलों और कॉलेजों में AI की पढ़ाई के लिए एक स्टैंडर्ड तय किया जा सकेगा।
2024 तक देश में 10 लाख AI प्रोफेशनल्स की डिमांड होगी
देश में AI स्किलड प्रोफेशनल्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए ये कदम उठाया गया है। NASSCOM (नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 तक देश में 10 लाख से ज्यादा AI और डेटा साइंस प्रोफेशनल्स की डिमांड होगी।
डिमांड से 51% कम होगी AI प्रोफेशनल्स की सप्लाई
आने वाले सालों में AI जैसी टेक्नोलॉजी की डिमांड और सप्लाई में 51% का अंतर देखने को मिल सकता है। इसका मतलब है कि मार्केट में AI स्किल की जितनी डिमांड होगी उससे AI स्किलड प्रोफेशनल्स 51% कम होंगे। इस स्किल गैप को कम करने और एजुकेशन सिस्टम में AI को शामिल करने को लेकर ये फैसला लिया गया है।
वहीं, वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगले पांच सालों में दुनियाभर में 8.3 करोड़ नौकरियां खत्म होंगी जबकि 6.9 करोड़ नई नौकरियां मार्केट में आएंगी।