देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पूरे उत्साह के साथ मनाई जा रही है। इसके अंतर्गत लगातार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने एक बड़ी पहल करते हुए हर घर ध्यान अभियान लांच किया है।
नई दिल्ली- अब विश्वविद्यालयों व कॉलेजों समेत हॉयर एजूकेशन इंस्टीट्यूशंस में हर घर ध्यान कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। इसके लिए सीनियर फैकल्टी को ध्यान एम्बेसडर नामित किया जाएगा और ध्यान सीखने का काम श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग कराएगी। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत यह ध्यान कार्यक्रम करने की रुपरेरखा तैयार की गई है। इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंंत्रालय ने श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग से हाथ मिलाया है। आर्ट ऑफ लिविंग संस्था देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में शिक्षकों-विद्यार्थियों को ध्यान योग सिखाएगी। यह कम से कम 30 मिनट का एक सेशन होगा।
यूजीसी ने भेजे दिशा-निर्देश
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन की ओर इस आशय का दिशा-निर्देश सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने आर्ट ऑफ लिविंग संस्था से हाथ मिलाया है और हर घर ध्यान अभियान शुरू किया है। यह अभियान लोगों के ध्यान एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए होगा और इसके लिए आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की ओर से एक मॉड्यूल डेवलप किया गया है। ध्यान योग के सेशन पूरी तरह से निशुल्क आयोजित किए जाएंगे।
विवि-कॉलेजों में नियुक्त होंगे एम्बेसडर
यूजीसी की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया है कि हर घर ध्यान अभियान से जुडऩे के लिए विवि व कॉलेज अपनी सीनियर फैकल्टी को मीडिटेशन एम्बेसडरके रूप में नामित करें। इन्हीं मीडिटेशन एम्बेसडर से आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के प्रतिनिधि समन्वय बनाकर ध्यान योग का सेशन आयोजित करेंगे। विवि-कॉलेजों को अपने विद्यार्थियों-शिक्षकों को इसके लिए प्रोत्साहित करते हुए ध्यान से होने वाले लाभ के बारे में भी अवगत कराएं।
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