नई दिल्ली- विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए एयर सुविधा फॉर्म भरने की शर्त खत्म कर दी है। सरकार ने एक नोटिस जारी कर कहा कि अब भारत आने वाले विदेशी यात्रियों को अब सेल्फ-डिक्लेरेशन फॉर्म नहीं भरना पड़ेगा। ये निर्णय सोमवार आधी रात से लागू हो गया है। अभी विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए यह फॉर्म भरना जरूरी था।देश में कोरोना वायरस के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार एक्टिव 6,402 केस हैं। यानी कुल संक्रमण का 0.01 प्रतिशत हैं। रिकवरी रेट बढ़कर 98.8 प्रतिशत हो गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार शाम को नोटिस जारी कर कहा कि कोरोना मामलों में कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो नियमों में संशोधन हो सकता है। वहीं, अब अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना जरूरी नहीं है।
फॉर्म में देनी होती थी पूरी डिटेल
- अगस्त 2020 में कोरोना के मामले बढ़ने पर एयर सुविधा पोर्टल शुरू किया गया था। इस एयर सुविधा फॉर्म के जरिए विदेश से आने वाले सभी यात्रियों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाता है। इस फॉर्म में यात्री को बताना होता था कि वह कहां से आया है और कहां जा रहा है।
- इसके अलावा पैसेंजर का पता और मोबाइल नंबर भी पूछा जाता था, जिससे किसी यात्री के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा सके। इस फॉर्म का रजिस्ट्रेशन नंबर देने के बाद ही एयरलाइंस से बोर्डिंग पास जारी किया जाता था।
- फ्रीक्वेंट फ्लायर्स और ट्रैवल इंडस्ट्री भारत के लिए उड़ान भरने से पहले एयर सुविधा फॉर्म भरने और जमा करने की शर्त को खत्म करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि एयर सुविधा फॉर्म भरना काफी पेचीदा काम है, जिससे कई लोगों की फ्लाइट तक छूट जाती है। वहीं, कई यात्रियों को पोर्टल पर जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने में भी दिक्कत आ रही थी।
कुछ ही दिनों पहले सरकार ने फ्लाइट में मास्क न पहनने की छूट दी थी। सरकार ने कहा कोरोना के खतरे को देखते हुए मास्क पहनना सुरक्षा के लिहाज से बेहतर होगा, लेकिन अगर कोई मास्क नहीं पहनता है तो उस पर जुर्माना नहीं लगेगा।
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जून में 44 लाख भारतीयों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा की
इंटरनेशनल ट्रैवल से प्रतिबंध हटने के तीन महीनों के भीतर ही यात्रियों की संख्या प्री-कोविड स्तर के 79% के बराबर पहुंच गई थी। घरेलू यात्रियों की संख्या भी प्री-कोविड के 91% के बराबर दर्ज की हुई। अनुमान है कि इस साल हवाई यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा होता रहेगा।