नई दिल्ली- देश की पहली प्राइवेट स्पेस कंपनी अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस का रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है। इस मिशन का नाम ‘प्रारंभ’ रखा गया है। विक्रम-एस रॉकेट ने श्रीहरिकोटा में ISRO के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। हैदराबाद स्थित स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस को इससे पहले विक्रम-एस का प्रक्षेपण खराब मौसम की वजह से टालना पड़ा था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस द्वारा देश के पहले निजी राकेट विक्रम-एस का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक कर दिया गया है। विक्रम-एस की सफल से अंतरिक्ष की दुनिया के कई रास्ते खुलेंगे।
IN-SPACe प्रमुख ने बताया ऐतिहासिक क्षण
इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर के अध्यक्ष पवन कुमार गोयन ने इस अवसर पर कहा, ‘ मुझे मिशन प्रारंभ – स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत के सफल समापन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह भारत के निजी क्षेत्र के लिए सुखद शुरुआत है, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं और एक ऐतिहासिक क्षण हैं। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
क्या काम करेगा Vikram-S?
स्काईरूट एयरोस्पेस के अनुसार, 2020 के अंत में शुरू होने वाले जमीनी कार्य के साथ विक्रम-एस को दो साल के रिकॉर्ड समय के भीतर विकसित किया गया है। ये ठोस ईंधन वाले प्रणोदन, अत्याधुनिक एवियोनिक्स और सभी कार्बन फाइबर कोर संरचना द्वारा संचालित है। विक्रम-एस कक्षीय श्रेणी के अंतरिक्ष प्रक्षेपण वाहनों की विक्रम श्रृंखला में अधिकांश तकनीकों का परीक्षण और सत्यापन करने में मदद करेगा, जिसमें कई उप-प्रणालियां और प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। इनका परीक्षण प्री-लिफ्ट ऑफ और पोस्ट-लिफ्ट ऑफ चरणों में किया जाएगा।
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रॉकेट को क्यों दिया गया Vikram S नाम?
देश के पहले प्राइवेट स्पेस कंपनी का रॉकेट विक्रम-एस ISRO के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से उड़ान भर दी है। स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस ने बताया कि विक्रम-एस 3 पे-लोड के साथ पृथ्वी की सब-ऑर्बिटल कक्षा में छोटे सैटेलाइट्स को स्थापित करने के लिए भेजा गया है। कंपनी ने बताया कि रॉकेट का नाम विक्रम-एस प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। कंपनी को विक्रम-एस से बेहद उम्मीदें हैं। इस पूरे मिशन को कंपनी ने ‘मिशन प्रारंभ’ नाम दिया गया है।
Vikram-S की सफलता से खुलेंगे अंतरिक्ष की दुनिया के कई रास्ते!
विक्रम-एस की सफल से अंतरिक्ष की दुनिया के कई रास्ते खुलेंगे। विक्रम-एस से कई प्रयोग किए जा रहे हैं। रॉकेट ने एक सब-ऑर्बिटल उड़ान भरी है। बताया जा रहा है कि यह सिंगल स्टेज का सब-ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल है और इसके साथ तीन कमर्शियल पेलोड्स भेजे गए हैं। इस लॉन्चिंग में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन (LoX) का इस्तेमाल किया गया है, जो किफायती होने के साथ-साथ प्रदूषण मुक्त भी है। Vikram-S का लॉन्च एक तरह की टेस्ट फ्लाइट है। अगर इसमें सफलता मिलती है, तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।
Vikram-S को बताया अंतरिक्ष में क्रांतिकारी बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रम-एस को देश की अंतरिक्ष में उड़ान को क्रांतिकारी बदलाव करार दिया था। पीएम मोदी ने 30 अक्टूबर को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसे लेकर कई बातें कही थी। उन्होंने कहा था कि निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष के खुलने से कई युवा स्टार्ट-अप इस क्षेत्र में काम करना चाह रहे हैं।