नोटबंदी के बाद तीन साल में तीन गुना ज्यादा जाली नोट बरामद, बैंकों में घटे

नोटबंद के तीन साल में तीन गुना ज्यादा जाली नोट बरामद हुए हैं, वहीं बैंकों में इनकी संख्या घटी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार, बैंकिंग सिस्टम में पाए गए नकली नोटों का मूल्य 2016-17 में 43.47 करोड़ रुपए से घटकर 2021-22 में 8.26 करोड़ रुपए हो गया है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 और 2020 में जब्त की गई नकली नोट का मूल्य क्रमशः 28.10 करोड़ रुपए और 92.18 करोड़ रुपए था। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां यह पाया गया है कि नकली मुद्रा की तस्करी पड़ोसी देशों से की गई है।आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2017-18 में बैंकिंग सिस्टम में नकली नोटों का मूल्य 23.34 करोड़, 2018-19 में 8.23 करोड़, 2019-20 में 7.48 करोड़ रुपए और 2020-21 में 5.45 करोड़ रुपए था।

सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर उठाए सवाल

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने सवाल किया था कि क्या सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने 2016 में 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने के कदम से काले धन, आतंकवाद के वित्तपोषण और नकली मुद्रा को रोकने के पीछे जो भी उद्देश्य बताए थे, वो पूरे हुए? सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की सांविधानिक पीठ ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को नोटबंदी पर विस्तार से हलफनामा पेश करने को कहा है।

नकली नोट की तस्करी के आरोप में तीन गिरफ्तार

हाल ही में मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) के साथ एक संयुक्त अभियान में राजस्व खुफिया विभाग (DRI) ने पुणे से फेक करेंसी की तस्करी के संदेह में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी बांग्लादेश से भारत में नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी करते थे। आरोपियों की पहचान खड़की निवासी अतुल कुमार मिश्रा (23), रवि शुक्ला उर्फ ​​सूरज (35) और लोहेगांव निवासी राजुल सेन उर्फ ​​गुड्डू भाई (46) के रूप में हुई है। डीआरआई की टीम ने कार्रवाई के दौरान दो लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here