नई दिल्ली- रेडी टू कुक पराठा खाने के शौकीन लोगों को अब इसके लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा। गुजरात की अपीलेट अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAAR) के अनुसार, रोटी और पराठे में काफी अंतर है इसलिए रोटी पर 5 प्रतिशत जबकि, पराठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अहमदाबाद की कंपनी वाडीलाल इंडस्ट्रीज की अपील पर यह फैसला आया है। वहीं, व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों का कहना है कि पराठे पर अधिक जीएसटी नहीं लगाई जानी चाहिए क्योंकि दोनों ही गेहूं के आटे से बनते हैं।
वाडीलाल कई तरह के रेडी टु कुक यानी फ्रोजन पराठे बनाती है। कंपनी का कहना है कि रोटी और पराठे में ज्यादा अंतर नहीं है और दोनों आटे से ही बनते हैं। इस वजह से पराठे पर भी 5 प्रतिशत ही जीएसटी लगना चाहिए। कंपनी ने दावा किया कि पराठा और रोटी बनाने की सिर्फ प्रक्रिया ही समान नहीं है, बल्कि उनके इस्तेमाल और उपभोग का तरीका भी एक जैसा है। कंपनी की इस दलील को एएएआर ने खारिज कर दिया और साफ किया कि पराठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
इससे पहले अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स की अहमदाबाद बेंच ने व्यवस्था दी थी कि फ्रोजन पराठे पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इसके खिलाफ कंपनी ने एएएआर में अपील की थी, लेकिन अपीलेट अथॉरिटी ने एएआर के फैसले को सही ठहराते हुए उसको बरकरार रखा।
अथॉरिटी का कहना है कि वाडीलाल इंडस्ट्रीज द्वारा जो पराठे बनाए जाते हैं, उनमें 36 से 62 फीसद तक आटा होता है और इनमें आलू, मूली, प्याज के साथ वेजिटेबल ऑयल और नमक भी होता है। वहीं, सादी रोटी और चपाती में सिर्फ आटा एवं पानी होता है। इसके अलावा, रोटी को डायरेक्ट खाया जाता है और पराठे को खाने से पहले तवे पर सेकना पड़ता है