पब्लिक प्लेस पर मोबाइल चार्ज करने से हो सकता बैंक अकाउंट खाली

digital theftहैदराबाद में एक कंपनी के CEO को 16 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा। दरअसल, वे किसी पब्लिक प्लेस पर अपना मोबाइल USB पोर्ट के जरिए चार्ज कर रहा थे। बाद में पता लगा कि उनके अकाउंट से 16 लाख रुपए उड़ा लिए गए।इससे पहले नई दिल्ली की एक महिला ने भी ऐसी ही शिकायत की थी। दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके फोन की बैटरी कम हो गई। इसके बाद उन्होंने एयरपोर्ट पर मौजूद USB चार्जिंग स्टेशन पर फोन चार्ज में लगा दिया। कुछ ही घंटे के बाद महिला के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें उसे पता चला कि बैंक अकाउंट से 1 लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए गए।

इस महीने ओडिशा पुलिस ने भी एक ट्वीट किया, अपने मोबाइल को पब्लिक प्लेस जैसे मोबाइल चार्जिंग स्टेशन या USB पावर स्टेशन पर चार्ज न करें। साइबर फ्रॉडर्स मोबाइल से आपकी पर्सनल जानकारी चुराने और Malware इन्स्टॉल करने की कोशिश कर रहे हैं।आपको पता है कि इस तरह के फ्रॉड को ‘जूस जैकिंग’ कहते हैं।

क्या है जूस जैकिंग? ये Malware क्या है?

यह एक तरह का साइबर या वायरस अटैक होता है। इसमें क्रिमिनल पब्लिक प्लेस जैसे- एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या मॉल में इस्तेमाल होने वाले USB चार्जिंग पोर्ट के जरिए किसी भी मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट या दूसरे डिवाइस में मालवेयर इन्स्टॉल करके पर्सनल डेटा चुरा लेते हैं। इस प्रोसेस को जूस जैकिंग कहते हैं।इसे Malicious Software भी कहा जाता है। इसे कम्प्यूटर सिस्टम या मोबाइल में इन्स्टॉल करके पर्सनल डेटा है किया जाता है। Malware कोई फाइल या कोड हो सकता है। जिसे किसी नेटवर्क के थ्रू आपके सिस्टम में डिलीवर किया जाता है। जैसे ही ये आपके मोबाइल या लैपटॉप में इन्स्टॉल होगा, आपका सिस्टम स्लो हो जाएगा और कई एरर मैसेज दिखाई दे सकते हैं।

जूस जैकिंग के जरिए आपसे फ्रॉड हो गया है, जैसे- अकाउंट खाली हो गया है, पर्सनल डेटा चुरा लिया गया है और ब्लैकमेल किया जा रहा है, तब क्या करें?

इस सवाल का जवाब आपने बहुत बार सुना होगा, लेकिन फिर भी कई बार मुसीबत के वक्त लोगों का दिमाग काम करना बंद कर देता है। इसलिए हम इन उपाय को दोहरा रहे हैं। ऐसी सिचुएशन में घबराएं, रोए या गुस्सा करने की जगह ये काम करें-

  • अपने शहर के, जिले के या आसपास के साइबर पुलिस को सूचना दें और केस दर्ज कराएं।
  • पुलिस के पास फोन जमा करना पड़ सकता है। इससे घबराएं नहीं, पुलिस आपकी मदद ही करेगी।
  • जरूरी नहीं है कि साइबर पुलिस स्टेशन में जाकर ही केस दर्ज करवाना पड़े। आप चाहें तो ऑनलाइन भी केस दर्ज करवा सकते हैं।

ये बात बहुत हद तक सही है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि आपने USB Charging Point में मोबाइल लगाया जाए और आपने गलती से Permission दे दी। तब तो डेटा आराम से चोरी हो जाएगा। एक और बात, अगर डेटा ट्रांसफर नहीं भी हो, तो Malware वायरस को हैकर्स आपके फोन में इंस्टॉल कर ही सकते हैं। इसलिए इन सारी समस्याओं से बचने के लिए एक ही उपाय है- अलर्ट रहना।मोबाइल स्विच ऑफ करके USB पोर्ट से चार्ज कर सकते हैं। क्योंकि मशीन अगर बंद है, तो बहुत हद तक सेफ रह सकती है।अगर आप USB पोर्ट के जरिए लैपटॉप और कम्प्यूटर भी पब्लिक प्लेस पर चार्ज करते हैं, तो इनसे भी आपका पर्सनल डेटा चोरी हो सकता है।

 AC Power Socket के जरिए डेटा ट्रांसफर या चोरी की समस्या नहीं आती है। चार्जर के जरिए आपके मोबाइल के साथ डेटा कम्युनिकेशन नहीं किया जा सकता, लेकिन डायरेक्ट USB To USB के जरिए डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है।

साइबर एक्सपर्ट की कुछ सलाह-

  • कोशिश करें कि मोबाइल में अपने पर्सनल डिटेल न रखें।
  • अगर पर्सनल डिटेल रखना मजबूरी बन जाए, तो 2 मोबाइल रखें।
  • जिस मोबाइल में पर्सनल डिटेल रख रहे हैं, उसे पब्लिक प्लेस में चार्ज न करें।
  • कोशिश ये भी करें कि जिस मोबाइल में पर्सनल डिटेल है, उसका इस्तेमाल कोई और न करे।

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