Indian Railways: ट्रेन से सफर करने वालों के लिए जरूरी खबर है. सरकार अब यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रही है. दरअसल कोरोना काल के बाद रेलवे ने काफी कुछ बदलाव किया है. अब तक ट्रेनों में कोरोना काल से पहले यात्रियों को मिलने वाली कई तरह की रियायतें बहाल नहीं की गई हैं, जिससे ट्रेन से सफर करने वालों की संख्या में कमी भी आई है.
प्रीमियम ट्रेनों का किराया होगा कम!
अब रेलवे यात्रियों को लुभाने के लिए राजधानी , शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में डायनैमिक किराये को खत्म करने के बारे में सोच रही है. रेल मंत्री ने इसकी जानकारी दी. रेल मंत्री से एक सवाल पूछा गया कि निगेटिव रेस्पॉन्स और पैसेंजरों की संख्या में कमी को देखते हुए क्या सरकार डायनैमिक किराये की व्यवस्था को वापस लेने पर विचार कर रही है? इसके जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि फिलहाल सरकार की फ्लेक्सी फेयर पॉलिसी को वापस लेने की कोई योजना नहीं है.
रेल मंत्री ने दी जानकारी
रेल मंत्री ने बताया, ‘रेलवे डायनामिक किराया प्रणाली वह प्रणाली है जिनमें किराया मांग के मुताबिक तय किया जाता है.इसके तहत 10 प्रतिशत सीटों की बुकिंग हो जाने के साथ ही किराया 10 प्रतिशत बढ़ जाता है. जैसे-जैसे सीटें कम होती जाती हैं वैसे-वैसे किराया बढ़ता जाता है. हालांकि ये सभी तरह की ट्रेनों में लागू नहीं है. यह व्यवस्था 9 सितंबर, 2016 को राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी ट्रेनों में लागू की गई. लेकिन अब कई रूट्स पर रेल का किराया हवाई जहाज से भी ज्यादा महंगा हो गया है. इससे अब लोग समय और पैसे दोनों में किफायती होने के चलते हवाई यात्रा करने लगे हैं, जिससे रेलवे के यात्रियों की संख्या में कमी आई है.
रेलवे के यात्रियों की संख्या में हुई कमी
रेल मंत्री ने के अनुसार, कोरोना काल से पहले के दौर में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम (Flexi fare system) में पैसेंजर और ट्रेनों से होने वाली कमाई नॉन-फ्लेक्सी से ज्यादा थी, लेकिन फिर भी सरकार की इस पॉलिसी को वापस लेने पर कोई विचार नहीं कर रही है. रेल मंत्री ने कहा, ‘रेलवे और एयरलाइन ट्रांसपोर्ट के दो अलग-अलग मोड हैं. वॉल्यूम, कनेक्टिविटी और सुविधा के मामले में इनकी तुलना नहीं हो सकती है. एयरलाइंस में अधिकतम किराये की कोई सीमा नहीं है जबकि रेलवे ने पूरे साल के लिए अधिकतम किराया तय कर रखा है. एयरलाइंस का किराया कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है. रेलवे का किराया एयरलाइन से कम या ज्यादा हो सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस श्रेणी में यात्रा कर रहे हैं.यह पैसेंजर को तय करना है कि उसे रेलवे से यात्रा करनी है या एयरलाइंस से.’