दवा की डिलीवरी करने पहुंचा ड्रोन, एक घंटे में नाप डाली 104 किलोमीटर की लंबी दूरी

Drone Delivers Medicines: जब आप परेशानी और दर्द में हो और आपको वक्त पर दवा मिल जाए तो इससे बड़ा सुकून नहीं हो सकता. एक ड्रोन ने लंबी दूरी तय करके 5 घंटे की जगह दवाईंयां एक घंटे में पहुंचा दी.

Medicines Delivered By Drone: देश में ड्रोन से दवाईंयों पहुंचाने का चलन नया नही हैं, लेकिन इस बार ड्रोन (Drone) ने कुछ नया कर डाला है. इस बार पश्चिम बंगाल (West Bengal) में स्काई एयर मोबिलिटी के एक ड्रोन ने 104 किलोमीटर की सबसे लंबी दूरी तय की है. पांच घंटे की दूरी महज एक घंटे में तय कर इस ड्रोन ने एक ई-कामर्स कंपनी की दवा की खेप दक्षिण 24 परगना जिले से मेदिनीपुर (Medinipur) जिले में पहुंचाई हैं. इससे पहले देश में दवा पहुंचाने के लिए सबसे लंबी दूरी की  ड्रोन उड़ान 51 किलोमीटर की थी. यह उड़ान ड्रोन ने हरियाणा (Haryana) में भरी थी.

104 किलोमीटर और साढ़े तीन किलो की दवा

गौरतलब है कि मंगलवार को स्काई एयर मोबिलिटी के ड्रोन ने दक्षिण 24 परगना जिले से अपनी उड़ान शुरू की थी. यहां बारुईपुर गोदाम से एक ई-कामर्स कंपनी की साढ़े तीन किलो की दवा को लेकर ड्रोन मेदिनीपुर जिले में हेल्थबड्डी मातंगिनी के लिए चला था. गोदाम और दवा डिलीवरी के बीच सड़क की दूरी को देखा जाए तो ये कम से कम 185 किलोमीटर बैठती है. अगर इस दवा का सड़क के जरिए पहुंचाया जाता तो इसमें करीबन 5 घंटे का वक्त लगता, लेकिन ड्रोन ये दूरी महज 1 घंटे में ही पूरी कर डाली है. इससे उम्मीद बंधती हैं कि आने वाले वक्त में दूर-दराज के इलाकों में जहां परिवहन के उचित साधन नहीं है वहां दवाईंयां जरूरत के वक्त आसानी से पहुंच पाएंगी.

सूबे में पहली बार दवाईंयों की ड्रोन से डिलीवरी

स्काई एयर मोबिलिटी के एक अधिकारी के मुताबिक सप्लाई चेन को तेजी से बढ़ाने,दवा पहुंचाने में लगने वाले वक्त में कमी लाने और देश के दूर-दराज के इलाकों में पहुंच बढ़ाने पर कंपनी फोकस कर रही है. इसके लिए एडवांस टेक्नीक के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. कंपनी के मुताबिक यह पश्चिम बंगाल में ड्रोन से दवाईंयों की पहली डिलीवरी है. ये काम कंपनी  फार्मा क्षेत्र से जुड़े एक ई-कामर्स प्लेटफार्म के साथ साझेदारी के तहत कर रही है.

अरुणाचल का आसमान से दवा प्रोग्राम

गौरतलब है कि बीते महीने अगस्त में ही पहली बार भारत में दवा की सप्लाई के लिए ड्रोन सेवा शुरू गई है. इसे ‘अष्टलक्ष्मी’ प्रदेशों में से एक अरुणाचल प्रदेश में शुरू किया गया और इस कार्यक्रम को ‘आसमान से दवा’ नाम दिया गया. अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने इस कार्यक्रम को शुरू किया था. इस सेवा में स्वदेशी ड्रोन इस्तेमाल किया जा रहा है.

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