नई दिल्ली: कहते हैं आप अपनी मंजिल पाने के लिए शिद्दत से की गई कोशिश कभी ज़ाया नहीं जाती। पर्वतारोही नरेंद्र यादव की मंजिल भी कुछ ऐसी थी। दिन-रात अपनी मंजिल की तरफ देखा, खून पसीने से मेहनत की और परिणाम आज पूरी दुनिया के सामने है। रेवाडी जिले के नेहरुगढ़ निवासी पर्वतारोही नरेंद्र ने मात्र छह दिन में एवरेस्ट चोटी को फतह कर वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है। उन्होंने अपने इस अभियान का नाम (आज़ादी का अमृत महोत्सव फ़ास्टेस्ट एवरेस्ट अभियान-2022 )
6 दिन में पूरा किया मिशन
नरेंद्र ने इस अभियान को छह दिन में बेस कैम्प से बेस कैम्प पूरा किया। नरेंद्र ने 20 मई को परमिट लिया और अपने अभियान की शुरुआत की। 21 मई को बेस कैम्प सीधा हेलिकॉप्टर से पहुंचे। 22 मई रात एक बजे कैम्प दो के लिए निकल गये। दो दिन कैम्प में आराम कर 25 मई को कैम्प पहुंच कर रात को आराम किया अगले दिन 26 मई सुबह नो बजे कैम्प चार के लिए निकाले और दोपहर 2 बजे कैम्प चार पहुंच गया। नरेंद्र ने बताया कि कुछ घण्टे आराम कर रात 9:30 को फ़ाइनल समिट पुश के लिए निकला। सुबह 5:02 पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फ़तह कर राष्ट्रीय गान का गान कर आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया व अपने इस अभियान को रेजांगला युद्ध में शहीद हुए जवानो को समर्पित किया।
सात महाद्वीपो पर फतेह करने का सपना
आर्मी जवान कृष्णचंद के पुत्र का सपना दुनिया के सभी सात महाद्वीपो पर फतेह कर वर्ल्ड रेकार्ड बुक में छाप छोड़ने का है। नरेन्द्र ने अब तक 5 महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया है। 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक, 2013 मे एडवांस,2015 में ऐम०ओ०आइ० ,2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स पास किए। 20 मई 2016 को नेपाल के रास्ते माउंट एवरेस्ट फतेह किया। अब तक 5 महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया है। जिसमें माउंट एवरेस्ट, किलिमंजारो को दोबार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में, कोजास्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियोंको फतह किया व दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ को फतेह किया है। अब तक पर्वतारोहण के क्षेत्र में 18 विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए हैं।
देशभक्तिी का जज्बा
पर्वतारोही नरेन्द्र ने 15 अगस्त को यूरोप की एलब्रूश, साउथ अफ्रीका की किलिमांजारो पर वल्र्ड रिकार्ड बनाते हुए राष्ट्रीय गीत गानकियातथा तिरंगा लहराया। उन्होने प्रत्येक पर्वत श्रृंख्ला पर तिरंगा लहराकर देश की शान बढाई। नरेन्द्र ने गुरूग्राम से जयपुर से गुरुग्राम वगुरुग्राम से देहरादून से गुरुग्राम तक साईकिल यात्रा कर स्वच्छता का संदेश दिया। व दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ कोफतेह कर पुलवामा में हुए शहिदो को समर्पित किया ।