महाराष्ट्र मैं सबसे बड़ा राजनितिक भूकंप, क्या फिर से बदलेगे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ? पढ़े पूरी खबर

मुंबई- महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट गहरा गया है। सूत्रों के मुताबिक राज्य के कद्दावर मंत्री एकनाथ शिंदे 25 से 35 विधायकों के साथ गुजरात चले गए हैं। इनमें शिवसेना के कई विधायक शामिल हैं, जबकि निर्दलीय और छोटी पार्टियों के 10 विधायक हैं। शिवसेना में लगातार हो रही उपेक्षा से शिंदे नाराज हैं। वे सोमवार शाम से ही मुख्यमंत्री उद्धव का फोन भी नहीं उठा रहे हैं। हालांकि, संजय राउत ने दावा किया है कि शिंदे से संपर्क हो गया है।

संजय राउत ने कहा- महाराष्ट्र में कोई भूकंप नहीं आएगा

राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोई भूकंप नहीं आएगा। कुछ विधायकों को गुमराह किया गया है, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि सूरत में जो विधायक हैं, उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है। राउत ने कहा कि सबकी घेराबंदी कर दी गई है। सभी विधायक आना चाहते हैं और वे हर संघर्ष में शिवसेना के साथ रहे हैं।

सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं सभी विधायक

 दिव्य हिंदी न्यूज़ के सूत्रोंसे प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं। सभी विधायक दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बड़ी घोषणा कर सकते हैं। विधायकों को सूरत लाने में भाजपा के दो बड़े दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। सूरत के जिस होटल में विधायक रुके हुए हैं उसके बाहर गुजरात पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। जो विधायक साथ गए है उनके नाम इस प्रकार है संजय गायकवाड़, महेंद्र दलवी,विश्वनाथ भोईर,भारत गोगवाले,संदीपान भुमरे ,प्रताप सरनाईक, एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार ,शंभुराजे देसाई राज्यमंत्री, प्रकाश आबिटकर, संजय राठोड, अजय रायमुतवार, महेंद्र दलवी,विश्वनाथ भोईर,भारत गोगवाले, संदीपान भुमरे, प्रताप सरनाईक,शाहजी पाटिल,तानाजी सावंत,शांताराम मोरे,श्रीनिवास वनगा,संजय शिरसाट,अनिल बाबर,बालाजी किनिकर,यामिनी जाधव,किशोर पाटिल,गुलाबराव पाटिल,रमेश बोरणारे,उदयसिंग राजपूत,एनसीपी विधायक माणिक्षराव कोकाटे होनी की खबर सूत्रों के हवाले से प्राप्त हुई है

शिवसेना के कौन-कौन से विधायक के जाने की खबर

सूत्रों के अनुसार शिंदे समेत शिवसेना के 25 से 35 विधायक सूरत के होटल में रुके हैं। इनमें शहाजी बापू पाटील, महेश शिंदे, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, विश्वनाथ भोईर, संजय राठौड, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैस्वाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत शामिल हैं।

अगर विधायक बागी हुए, तो गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार?

महाराष्ट्र में अगर शिवसेना के विधायक बागी हुए, तो सरकार गिर सकती है। दरअसल, राज्य में उद्धव सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन है। सरकार बनाने के लिए 144 विधायक चाहिए, क्योंकि 1 सीट अभी खाली है। अगर, शिवसेना में फूट होती है, तो कांग्रेस के भी कुछ विधायक पाला बदल सकते हैं।

उद्धव से मिले एनसीपी अध्यक्ष, संजय राउत का दिल्ली दौरा रद्द

सियासी उठापटक के बीच एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे से मातोश्री में मुलाकात की है। वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिल्ली दौरा रद्द कर दिया है। राउत आज राष्ट्रपति कैंडिडेट को लेकर शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक में शामिल होने वाले थे।

फडणवीस दिल्ली पहुंचे, पार्टी अध्यक्ष पाटील प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंच गए हैं। वहीं दोपहर 2 बजे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील मीडिया से बात करेंगे। सूत्रों के अनुसार पाटील इस उठापटक में भाजपा के शामिल नहीं होने और सरकार नहीं बनाने की घोषणा कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने ट्वीट कर लिखा- एकनाथ शिंदे ने सही समय पर सही फैसला लिया है।

राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद से चल रहे नाराज

एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के दिग्गज नेताओं में होती है। जब 2019 में चुनाव का रिजल्ट आया था, तो शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था। शिंदे ठाणे इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं और बाला साहब ठाकरे के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पिछले महीने महाराष्ट्र में राज्यसभा और सोमवार को विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना में शिंदे की बात नहीं सुनी गई, जिसके बाद से ही वे नाराज चल रहे थे।

राज्य में 10 विधान परिषद सीटों के लिए सोमवार को रिजल्ट जारी हुआ था, जिसमें 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं 2-2 सीट पर शिवसेना-एनसीपी और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। चुनाव में महाविकास अघाड़ी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद से ही सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी।

नवंबर 2019 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद काफी सियासी ड्रामा हुआ था। इसके बाद नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिला था। 2003 में उद्धव ठाकरे पहली बार शिवसेना में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। बाला ठाकरे के निधन के बाद उन्होंने 2013 में शिवसेना की कमान संभाली थी।

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