अग्निवीर योजना को लाने के दिए गए तर्क
- अनिल पुरी ने कहा- तीनों सेना प्रमुख और CDS ने मिलकर दुनिया के सभी देशों की सेनाओं की औसत उम्र देखी गई। सेना में बदलाव का प्रोसेस 1989 से चल रहा है। सेना की औसत उम्र 32 साल थी, इसे 26 पर लाना हमारा लक्ष्य था। हमें सेना में यूथ चाहिए। हमें जुनून जज्बे के साथ होश की भी जरूरत है।
- जिस दिन अग्निपथ की घोषणा हुई उस दिन दो ऐलान हुए पहला देश भर में साढ़े दस लाख नौकरियां और 46 हजार वेकेंसी सेना में अग्निवीर के रूप में, लेकिन लोगों तक केवल 46 हजार की बात ही पहुंची।
- अगले 4-5 साल में हमारे सैनिकों की संख्या 50-60 हजार होगी और बाद में बढ़कर 90 हजार से 1 लाख हो जाएगी। हमने योजना का विश्लेषण करने और बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने के लिए 46,000 के छोटे ग्रुप से शुरुआत की है।
- घोषणा के बाद हुए बदलाव किसी डर से नहीं बल्कि ये सब पहले से ही तैयार थे। उम्र में बदलाव कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के कारण किए गए।
सम्मान और छुट्टी दोनों मिलेंगे
अग्निवीरों की भर्ती को लेकर सबसे बड़ा पेंच छुट्टी और अवार्ड का था। एयरफोर्स ने साफ किया है कि अग्निवीर सभी सैन्य सम्मान और पुरस्कार के हकदार होंगे। इन्हें साल में तीस दिन की छुट्टी भी दी जाएगी। इसके अलावा बीमार होने पर डॉक्टर की सलाह पर सिक लीव भी मिलेगी।
एयरफोर्स ने सात पेज की गाइडलाइन जारी की है
अग्निपथ स्कीम के खिलाफ युवाओं के गुस्से को ठंडा करने के लिए गृह और रक्षा मंत्रालय ने आरक्षण देने का ऐलान किया है। शनिवार सुबह गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए CAPFs (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला लिया। इन्हें आयु सीमा में भी 3 से 5 साल की राहत देने का ऐलान किया।
इसके बाद शाम को रक्षा मंत्रालय ने भी अग्निवीरों को अपने मंत्रालय में होने वाली भर्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है। रक्षा मंत्रालय के इंडियन कोस्ट गार्ड और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग की 16 कंपनियों में भी नियुक्तियों में आरक्षण मिलेगा।