देश भर में है स्टेशन मास्टर्स की कमी
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन अक्टूबर 2020 से अपनी मांगो को लेकर संघर्ष कर रहा है. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश में इस समय 6,000 से भी ज्यादा स्टेशन मास्टरों की कमी है और रेल प्रशासन इस पद पर भर्ती नहीं कर रहा है. इस कारण देश के आधे से भी ज्यादा स्टेशनों पर महज सिर्फ 2 ही स्टेशन मास्टर पोस्टेड हैं. अब उनके पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
8 की बजाय करना पड़ता है 12 घंटे काम
एसोसिएशन के अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन मास्टरों की शिफ्ट 8 घंटे की होती है, इस हिसाब से इन्हें एक स्टेशन पर तीन स्टेशन मास्टरों की जरूरत होती है लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से इन्हीं स्टेशन मास्टरों को हर रोज 12 घंटे की शिफ्ट करनी होती है. जिस दिन किसी स्टेशन मास्टर का साप्ताहिक अवकाश होता है, उस दिन किसी दूसरे स्टेशन से कर्मचारी बुलाना पड़ता है. स्टेशन मास्टरों से अधिक काम कराया जा रहा है.
क्या है स्टेशन मास्टरों की मांग
– रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाना
– सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना
– स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना
– संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन करना
– स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता देना
लंबे समय से चला आ रहा मामला
स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं है. यह लंबे संघर्ष के बाद लिया गया है. काफी समय से रेल प्रशासन से मांग हो रही थी. रेल प्रशासन ने उनकी मांगों को नहीं माना. अपनी मांगों को मनवाने के लिए उन्हें अब हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा है.