सर्वे में शामिल एक सूत्र ने एक न्यूज़ को बताया, ‘यह वही शिवलिंग है, जिसे अकबर के वित्त मंत्री टोडरमल ने 1585 में स्थापित कराया था। तब उनके साथ बनारस के पंडित नारायण भट्ट भी थे। शिवलिंग का ऊपरी कुछ हिस्सा औरंगजेब की तबाही में क्षतिग्रस्त हो गया था।
यह शिवलिंग बेशकीमती पन्ना पत्थर का है। रंग हरा है। हालांकि शिवलिंग के साइज को लेकर कई दावे सामने आए हैं। यह शिवलिंग श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित नंदी के सामने वाले ज्ञानवापी के हिस्से में है। नंदी महाराज के सामने जो तहखाना है, उसी में अंदर मस्जिद के बीचों-बीच आज भी शिवलिंग दबा है। इसका अरघा भी काफी बड़ा है।’
30 साल पहले जब ताला बंद हो रहा था, तब भी दिखा था शिवलिंग
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में जिसे तहखाना कहा जा रहा है वह असलियत में मंदिर मंडपम है। जो लोग भी तहखानों की बात कर रहे हैं, वे सभी मंडपम हैं। इन्हें तहखाना के बजाय मंडपम कहें तो बेहतर होगा। डॉ. तिवारी ने बताया कि उनके परिवार के पंडित नारायण भट्ट ने पन्ना पत्थर का शिवलिंग स्थापित कराया था।
90 के दशक में वाराणसी के DM रहे सौरभ चंद्र श्रीवास्तव ने तब मंडपम में ताला बंद कराया था तो उस समय भी अंदर फोटोग्राफी हुई थी, जिसमें वह शामिल थे। उस समय देखा था कि अंदर नंदी के ठीक सामने ही शिवलिंग है।
ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे चारों कोनों पर मंडपम
1868 में रेव एमए शेरिंग द्वारा लिखित ‘द सेक्रेड सिटी ऑफ हिंदू’ किताब में बताया गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे चारों कोनों पर मंडपम हैं। ज्ञान मंडपम, श्रृंगार मंडपम, ऐश्वर्य मंडपम और मुक्ति मंडपम। विदेशी लेखक अल्टेकर ने इन चारों मंडपम की साइज 16-16 फीट की बताई गई है। गोलंबर की ऊंचाई 128 फीट है।
हरिशंकर जैन बोले- शिवलिंग देखकर तुरंत कोर्ट गया
हालांकि शिवलिंग की लंबाई-चौड़ाई को लेकर हिंदू पक्ष के अलग-अलग तर्क हैं। इस मामले में कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाने वाले हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने भी एक न्यूज़ से बात की। उन्होंने कहा, ‘मैं शिवलिंग की पूरी लंबाई नहीं बता पाऊंगा। इतना दावे के साथ कह सकता हूं कि लगभग 4 फीट लंबा और 3 से 4 फीट चौड़ा शिवलिंग हमने देखा है। सर्वे के दौरान शिवलिंग दिखते ही मैं फिर कोर्ट चला गया। वहां मैंने उस जगह को सुरक्षित करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया।’
वहीं उनके बेटे वकील विष्णु जैन का दावा है कि मस्जिद परिसर के वजू खाने में 12 फुट का शिवलिंग मिला है। शिवलिंग 3 फुट गहराई में था। पानी हटाने पर शिवलिंग दिखा है।
वकील दीपक सिंह ने कहा, ‘आज सर्वे कार्रवाई का तीसरा दिन था, जिस जगह हमें संदेह था वहां पर जांच करने पर हमें एक पत्थर मिला जो कि शिवलिंग है। हमने कार्ट के सामने इसे सुरक्षित करने के लिए एक आवेदन दिया है, कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश दिया है।’
कोर्ट ने सील करने के आदेश दिए
हरिशंकर जैन के प्रार्थना-पत्र पर कोर्ट ने वाराणसी प्रशासन को उस जगह को सील करने का आदेश दिया, जहां शिवलिंग मिला है। कोर्ट ने यह भी कहा कि उस जगह को सुरक्षित करें। संरक्षित करें। वहां किसी को भी जाने न दें। कोर्ट ने DM, पुलिस कमिश्नर और CRPF कमांडेंट को उस जगह को संरक्षित और सुरक्षित करने की व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदारी दी है।
हिंदू पक्ष ने सर्वे के बाद कहा था- मिल गए नंदी के बाबा
सोमवार को सर्वे खत्म करने के बाद हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल ने बड़ा बयान दिया कि नंदी वाले बाबा मिल गए। इससे ज्यादा उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। वहीं, एक अन्य ने पक्षकार ने एक न्यूज़ से कहा,”जो भी आज मिला वह सत्य को सामने ला रहा है।” बता दें कि कई इतिहासकारों और स्थानीय लोगों का भी मानना है कि विश्वेश्वर महादेव का शिवलिंग पन्ना रत्न का बना हुआ है।