मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बिना जमीन वाले मंदिरों के पुजारियों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की घोषणा की.
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बिना जमीन वाले मंदिरों के पुजारियों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने की घोषणा की. भोपाल के गुफा मंदिर परिसर में ‘‘अक्षय उत्सव” नामक कार्यक्रम में भगवान परशुराम की 21 फुट ऊंची धातु की मूर्ति का अनावरण करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम से संबंधित पाठ शामिल किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों के स्वामित्व वाली भूमि की बिक्री रोकने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा तथा संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की जाएगी. चौहान ने कहा, ‘‘जिन मंदिरों के पुजारियों के पास कोई संपत्ति नहीं है. उन्हें प्रति माह पांच हजार रुपये का मानदेय दिया जाएगा. साथ ही व्यापक भूमि के मालिकाना वाले मंदिरों में पुजारियों के मानदेय की व्यवस्था उनकी भूमि के माध्यम से की जाएगी.”
उन्होंने कहा कि मंदिर की पूरी व्यवस्था पुजारी के हाथ में होनी चाहिए और इसमें सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा. चौहान ने कहा, ‘‘ सरकार मंदिर की भूमि की नीलामी नहीं करेगी. ऐसी भूमि की नीलामी केवल पुजारियों द्वारा की जाएगी. मंदिर की भूमि को बेचा नहीं जाए, इसके लिए एक समिति गठित की जाएगी. कुछ स्थानों पर जमीन बेची गई थी और इसमें गड़बड़ी की सूचना मिली थी. मंदिर की जमीन को बेचा नहीं जाएगा, लेकिन इसका प्रबंधन पुजारियों के हाथों में होना चाहिए.”
सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए अनुष्ठान करने वालों और विद्वानों की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने संस्कृत शिक्षकों की भर्ती शुरू कर दी है. हम भर्ती पूरी होने तक संस्कृत के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे. मैं तुरंत पाठ्यक्रम समिति को बुलाऊंगा और पाठ्यक्रम में भगवान परशुराम से संबंधित पाठ को शामिल करने का निर्देश दूंगा.” कार्यक्रम में स्वामी अवधेशानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा कुछ विधायक भी मौजूद थे.