मुंबई – आज से महाराष्ट्र (Maharashtra) समेत देश भर के बिजली कर्मचार हड़ताल पर (Electricity workers strike) हैं. बिजली कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ यह हड़ताल बुलाई गई है. बिजली कर्मचारी, अधिकारी, इंजीनियर और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के 39 संगठन हड़ताल के लिए अड़े हुए हैं. करीब 85 हजार कर्मचारियों ने इस हड़ताल में शामिल होने के लिए हामी दी है. राज्य के प्रमुख शहरों में बिजली कंपनियों के कार्यालयों के सामने कर्मचारी अपनी सभा करने वाले हैं. इस बीच कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से राज्य सरकार ने मना किया है. हड़ताल पर जाने पर मेस्मा ऐक्ट (Maharashtra Essential Services Maintenance Act- MESMA) के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
कर्मचारियों की मांग है कि महावितरण, महानिर्मिती और महापारेषण सरकारी कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन रोका जाए. ये कर्मचारी केंद्र सरकार के विद्युत संशोधन बिल 2021 के प्राइवेटाइजेशन की योजना का विरोध कर रहे हैं.
इसलिए हुई बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, ये है कर्मचारियों की मांग
कर्मचारियों की मांग है कि तीनों बिजली कंपनियों में 30 हजार कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्स से लिए गए मजदूरों को साठ साल की उम्र तक नौकरी की सुरक्षा दी जाए. महानिर्मिती कंपनी द्वारा संचालित जल विद्युत केंद्र को निजी उद्योगपतियों को सौंपने की योजना तुरंत रोकी जाए. तीनों कंपनियों के रिक्त पदों पर भर्ती को रोकने, बदली के एक-तरफा फैसले, कंपनियों के वरिष्ठ पदों पर अनावश्यक भर्ती, ट्रांसफर-पोस्टिंग में राजनीतिक हस्तक्षेप को बंद करने की मांग लिए अधिकारी, कर्मचारी और मजदूर हड़ताल पर हैं.
एक के बाद एक हड़ताल, जनता का बुरा होने वाला है हाल
इस बीच आपके घर की बिजली से जुड़ी शिकायतों का आज निवारण नहीं हो पाएगा. एक तरफ एसबीआई छोड़ कर सभी नैशनलाइज्ड बैंक के कर्मचारियों और राष्ट्रीय कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल किया है, देश भर में 5 लाख से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं और आज बैंकिंग व्यवस्था भी ठीक से काम नहीं कर रही है. तो दूसरी तरफ आधी रात से महाराष्ट्र समेत देश भर में बिजली कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं. हालांकि राज्य सरकार ने मेस्मा कानून के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. एक और जरूरी खबर यह भी है कि अब बीमा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारी भी हड़ताल करने वाले हैं. ये कर्मचारी भी प्राइवेटाइजेशन के विरोध में मुंबई के एलआईसी कार्यालय के बाहर आंदोलन करने वाले हैं.