काशी – सनातन परंपरा पूजा का बहुत महत्व है. अगर आप अपने घर में ईश वंदना करते हैं, तो इससे घर में सकारत्मकता बनी रहती है. घर में पूजा करने से परिवार का माहौल अच्छा रहता है और सभी लोगों के बीच में प्रेमिल व्यवहार बढ़ता है. आप भी अपने घर में पूजा करते ही हैं, लेकिन घर में पूजा के दौरान कुछ खास बातों का ख्याल जरूर रखना चाहिए. ऐसा करने से पूजा सफल होती है.
पूजा में सूखे फूल ना चढ़ाएं
पूजा करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखें, जब भी आप पूजा करें, तो भगवान को सूखे या बासी फूल ना चढ़ाएं. कई बार हम सूखे और बासी फूलों का हार भगवान पर चढ़ा रहने देते है, और दूसरे दिन की पूजा शुरु कर देते हैं. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. इसे बेहद अशुभ माना जाता है, इसलिए एक दिन पहले की गई पूजा में चढ़ाए गए फूल और फूलों की माला को हटा कर ही अगले दिन की पूजा प्रारंभ करनी चाहिए.
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खंडित दीपक ना जलाएं
पूजा करते वक्त दीपक का विशेष महत्व है, दीप प्रज्वलित करने के बाद ही हम ईश्वर की उपासना शुरू करते हैं. ऐसे में यह ध्यान रखें, कि दीपक खंडित ना हो यदि आप टूटे हुए दिए से दीप जलाते हैं, तो यह बेहद अशुभ माना जाता है. और इसका शुभ परिणाम नहीं मिलता है.
मंदिर में खंडित मूर्ति ना रखें
घर के मंदिर में कभी भी खंडित मूर्ति यानि की टूटी हुई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. मूर्ति टूट गई है तो उसे तुरंत नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. यदि आपके घर के आसपास कोई नदी नहीं है, तो आप पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर भी उस मूर्ति या प्रतिमा को रख सकते हैं. परंतु उसकी पूजा करना शुभ नहीं है, इसलिए अपने मंदिर में खंडित मूर्ति या फिर प्रतिमा ना रखें.
तुलसी का सूखा पत्ता ना चढ़ाएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और कृष्ण जी को तुलसी दल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी दल हमेशा ताजा ही चढ़ाया जाता है. सूखा या बासी तुलसी जी का पत्ता भगवान को भोग में कभी नहीं लगाना चाहिए. इसे बेहद अशुभ माना जाता है.
पूजा में इन बातों का रखें ध्यान
1. रोजाना पूजा करते वक्त पंचदेव का ध्यान जरूर करें. गणेश, विष्णु, दुर्गा, शिव और सूर्य यह आधी पंचदेव कहलाते हैं, यदि आप इनका स्मरण करते हैं, तो लक्ष्मी जी की आप पर विशेष कृपा बनी रहेगी.
2. यदि आप कोई मनोकामना मांग रहे हैं, तो दक्षिणा जरूर चढ़ाएं साथ ही दक्षिणा अर्पित करते वक्त अपने दोषों को छोड़ने का संकल्प भी लें, यदि आपके अंदर कोई दोष है, तो उसे छोड़ने से आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी.
3. भगवान की आरती करते वक्त उनके चरणों की चार बार, नाभि की दो बार और मुख की एक से तीन बार आरती करें. इसके अलावा भगवान के समस्त अंगों की कम से कम सात बार आरती करें .
4. पूजा करते वक्त हमारा मुख सदैव उत्तर या फिर पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए, यदि संभव हो तो पूजा रोजाना सुबह 6 से 8 बजे के बीच ही करनी चाहिए.