अनंत गीते के इस बयान से एक बार फिर यह बात जो अंदर ही अंदर अक्सर उठती रही है, सतह पर आ गई है कि शिवसेना के अंदर एक बहुत बड़ा तबका एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बना कर खुश नहीं है. पहले भी प्रताप सरनाइक सहित कई नेताओं ने इस संबंध में आवाज उठाई है. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis, BJP) ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अनंत गीते का बयान राज्य में महाविकास आघाडी के अंदर की वास्तविकता को दर्शाता है.
शिवसेना का एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन एक अननैचुरल अलायंस है, जो ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकता. बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar, BJP) ने कहा है कि शिवसैनिकों का अगर नार्को टेस्ट करवाया जाए तो एक ही आवाज आएगी कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ आघाडी (गठबंधन) नहीं चाहिए. शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बना कर पॉलिटिकल सुसाइड किया है.
सूरज पर थूकने से सूरज का कुछ नहीं बिगड़ता- एनसीपी का जवाब
अनंत गीते के इस बयान का उत्तर देते हुए एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने शरद पवार की ओर से कहा कि सूरज पर थूकने से सूरज का तेज कम नहीं होता. अनंत गीते की स्थिति समझी जा सकती है. वे फ्रस्टेशन में ऐसे बयान दे रहे हैं. स्थानीय स्तर पर और राज्य स्तर पर महाविकास आघाडी सरकार बेहतर तरीके से काम कर रही है. यह सरकार आसानी से पांच साल पूरे करेगी.
राकांपा और शिवसेना में बढ़ीं दूरियां, महाविकास आघाडी में बढ़ी बिगाड़ी
हर तीन-चार दिनों में शिवसेना और एनसीपी के बीच ऐसा कुछ हो जाता है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि महाविकास आघाडी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने अलग जाने का सुर अलापा था. इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जनता संवाद में साफ कह दिया था कि जंग लगी तलवार लेकर कहां चले, पहले तलवार में धार तो पैदा करो. शरद पवार ने एनसीपी के वार्षिक सम्मेलन में खुल कर उद्धव ठाकरे की प्रशंसा की थी कि वे शिवसेना के साथ लंबी भागीदारी देख रहे हैं. यहां भी उन्होंने कांग्रेस को किनारे कर दिया था.