मुंबई- मुंबई से दिल्ली के बीच 1,350 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस-वे पर 350 किलोमीटर तक काम हो चुका है। अभी 8 लेन बनाए जा रहे हैं। इनके अलावा 4 लेन और बढ़ाए जाएंगे। 2 जाने के और 2 आने के। ये चारों लेन सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए होंगे। यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिस पर डेडिकेटेड इलेक्ट्रिक व्हीकल फोरलेन होंगी।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के बनकर तैयार हो जाने से केवल समय ही नहीं बचाएगा, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे नई औद्योगिक टाउनशिप और स्मार्ट सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है। इसका सर्वे जारी है। पूरे रूट पर 92 स्थानों पर इंटरवल स्पॉट डेवलप किए जाएंगे। सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का काम जनवरी 2023 तक पूरा हो जाएगा। हालांकि, कोविड के चलते काम में देरी हुई थी। मुंबई से दिल्ली तक का सफर 13 घंटे में पूरा होगा, अभी पुराने रूट पर 25 घंटे लगते हैं।
यह बन जाने से दिल्ली-मुंबई के बीच 150 किलोमीटर की दूरी घटेगी
एक्सप्रेस-वे बनने से दिल्ली-मुंबई के बीच 150 किलोमीटर की दूरी घट जाएगी। दिल्ली से मुंबई को जोड़ने वाले NH-8 पर अभी वाहनों का अत्यधिक दबाव है। इस पर रोज 1 लाख वाहन चलते हैं। ये वाहन एक्सप्रेस-वे पर शिफ्ट होंगे।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की विशेष बाते…
- एक्सप्रेस-वे से हर साल 32 करोड़ लीटर ईंधन बचेगा।
- सुरक्षा के लिए सड़क के दोनों ओर 1.5 मीटर ऊंची दीवार बनेगी।
- टोल प्लाजा हाईवे के बजाए स्लिप लेन में बनेंगे, ताकि जिस शहर में जाएंगे, उतना ही टोल लगे।
- हर 2.5 किलोमीटर के बाद पशुओं के लिए ओवर पास बनाए जाएंगे।
- हर 500 मीटर पर एक अंडर पास होगा।
- एक्सप्रेसवे के आसपास 15 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।
- हर 50 किलोमीटर पर दोनों ओर फेसिलिटी सेंटर होंगे। वहां रेस्तरां, फूड कोर्ट, सुविधा स्टोर, ईंधन स्टेशन, ईवी चार्जिंग पॉइंट और शौचालय आदि होंगे।
- एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों के लिए 120 किमी/घंटे की स्पीड तय होगी।
- ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर लाइटें सोलर पावर से चलेंगी।
दिल्ली से दौसा तक का रास्ता इस वर्ष दिसंबर तक पूरा होगा
गुरुग्राम से जयपुर रिंग रोड तक एक्सप्रेस-वे नेशनल हाईवे 8 के सामानंतर तैयार किया जाएगा। यहां से अलवर (हरियाणा) होते हुए आदिवासी क्षेत्र झबुआ-रतलाम-वड़ोदरा तक जाएगा। इसमें दिल्ली से दौसा (280 किलोमीटर) का काम इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। वहीं, मध्य प्रदेश के झबुआ-रतलाम सेक्शन पर एक्सप्रेस-वे का काम जारी है। बड़ौदा-मुंबई सेक्शन का 90% काम पूरा किया जा चुका है।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 2018 में शुरू हुआ था
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट 2018 में शुरू हुआ। 9 मार्च, 2019 को इसकी आधारशिला रखी गई। 2023 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इंडोनेशिया की 1167 किलोमीर लंबी ट्रांस जावा रोड 2019 में दो दशकों के बाद बनकर तैयार हुई। वहीं, करीब 217 किलोमीटर का जापान का सिंटोमा एक्सप्रेसवे जापान में 2000 में बनकर तैयार हुआ, जिसे बनने में करीब एक दशक का समय लगा।