दसवीं–बारहवीं की परीक्षाओं से पहले बड़ा फैसला, प्रायोगिक परीक्षाओं के नियमों में बदलाव

मुंबई- दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली हैं। परीक्षाएं पूरी तरह नकलमुक्त कराने के लिए महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल ने व्यापक योजना बनाई है। इसी के तहत अब परीक्षाओं से जुड़ा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

लिखित परीक्षा से पहले होने वाली प्रायोगिक (प्रैक्टिकल) परीक्षाओं के नियमों में बदलाव किया गया है। अब प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए बाहरी परीक्षकों की अदला-बदली की जाएगी। निजी स्कूलों के शिक्षक अनुदानित स्कूलों में और वहां के शिक्षक अन्य स्कूलों में बाह्य परीक्षक के रूप में नियुक्त किए जाएंगे। शिक्षा मंडल ने बाह्य परीक्षक नियुक्त करने का निर्णय लिया है।

बारहवीं की प्रायोगिक परीक्षाएं

  • 23 जनवरी से 9 फरवरी तक आयोजित की जाएंगी।
  • इसके बाद 10 फरवरी से लिखित परीक्षाएं शुरू होंगी।

दसवीं की प्रायोगिक परीक्षाएं

2 फरवरी से 18 फरवरी तक होंगी। इस दौरान स्कूलों में बाहरी परीक्षक उपस्थित रहेंगे और प्रायोगिक या मौखिक परीक्षा लेंगे।शिक्षा मंडल ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड परीक्षा के दौरान यदि किसी भी प्रकार की नकल या अनुचित गतिविधि पाई गई, तो संबंधित परीक्षा केंद्र की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जाएगी। इसके लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, मजबूत चारदीवारी (वॉल कंपाउंड) और कड़ी निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।पिछले वर्षों में छात्रों की आपसी सरमिसळ (मिलावट) के कारण कई केंद्रों पर नकल के मामले सामने आए थे।

इसी को रोकने के लिए अब पर्यवेक्षकों की भी अदला-बदली करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य होंगे और पर्यवेक्षकों को भी कैमरे चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि परीक्षा के दौरान होने वाली हर गतिविधि की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को मिल सके।इस तरह शिक्षा मंडल ने दसवीं–बारहवीं की परीक्षाएं पारदर्शी और नकलमुक्त कराने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।

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