अकोला- मकर संक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाने के लिए नायलॉन मांजा का इस्तेमाल करने वालों और इसकी बिक्री करने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नायलॉन मांजा के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए उपयोगकर्ताओं और विक्रेताओं पर 50 हजार से ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित किया है। इस संबंध में जिला प्रशासन ने सार्वजनिक सूचना जारी की है और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, यदि कोई नाबालिग बच्चा नायलॉन मांजा से पतंग उड़ाते हुए पाया जाता है, तो उसके माता-पिता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना क्यों न लगाया जाए—इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसी तरह, यदि कोई वयस्क व्यक्ति नायलॉन मांजा का उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे भी 50 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। जिन विक्रेताओं के पास नायलॉन मांजा का स्टॉक पाया जाएगा, उन पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश न्यायालय ने दिया है।

इस प्रस्तावित दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ जिन लोगों को अपना पक्ष रखना है, उन्हें 5 जनवरी 2026 को नागपुर खंडपीठ के समक्ष उपस्थित होकर अपना निवेदन प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया है। यदि कोई उपस्थित नहीं होता है, तो यह मान लिया जाएगा कि जनता को इस जुर्माने की राशि पर कोई आपत्ति नहीं है और इसके बाद यह कार्रवाई लागू कर दी जाएगी—ऐसी जानकारी जिलाधिकारी वर्षा मीना ने दी।

हालांकि वर्ष 2021 से नायलॉन मांजा पर प्रतिबंध है, फिर भी इसका खुलेआम उपयोग जारी है, जिससे हर साल कई निर्दोष नागरिकों की जान जाती है या वे गंभीर रूप से घायल होते हैं। इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने आर्थिक दंड के माध्यम से इस पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया है।

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