मोबाइल नहीं, सुराग नहीं—फिर भी अकोला पुलिस ने लापता ऋषिकेश को 1500 किमी दूर ढूंढ निकाला

अकोला दैनिक दिव्य हिन्दी प्रतिनिधि : अकोला के खदान क्षेत्र से 11 नवंबर 2025 को लापता हुआ 14 वर्षीय ऋषिकेश संतोष कनोजीया आखिरकार २१ दिन बाद सुरक्षित मिल गया है। बालक को पुलिस ने पंढरपुर शहर में तलाश कर उसके माता-पिता के हवाले कर दिया। घटना ने पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल पैदा कर दिया था।

कब और कैसे लापता हुआ बालक?

11 नवंबर की शाम करीब 7 बजे ऋषिकेश अपने घर से बिना कुछ कहे निकल गया।
अगले दिन उसके पिता ने खदान पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर अपराध क्र. 936/2025 धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।

जांच में कोई सुराग नहीं, पुलिस के सामने बड़ी चुनौती

बालक के पास मोबाइल नहीं था। परिजन किसी पर संदेह नहीं जता सके। न कोई गवाह, न कोई दिशा—जांच पूरी तरह अंधेरे में थी। इसी दौरान एक प्रतिष्ठित व्हाट्सऐप ग्रुप में बालक की जानकारी शेयर की गई, जिसे गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक श्री अर्चित चांडक ने व्यक्तिगत हस्तक्षेप किया और विशेष टीम गठित करने के आदेश दिए।

CCTV फुटेज बना बड़ा सुराग

स्थानीय गुन्हे शाखा ने दोबारा CCTV फुटेज चेक किए। इसमें बालक अकोला रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर नागपुर–कोल्हापुर एक्सप्रेस (11403) में सवार होता दिखाई दिया। यह जानकारी जांच के लिए अहम साबित हुई।

7 जिलों में 1500 किमी की खोज

SP के आदेश पर SDPO शहर व खदान पुलिस की संयुक्त टीम ने विशाल खोज अभियान चलाया।
पुलिस ने वाशिम, हिंगोली, परभणी, वसमत, परळी वैजनाथ, लातूर, धाराशिव, सोलापुर आदि जिलों में—

  • 150–200 CCTV फुटेज की जांच

  • 150 से अधिक लोगों से पूछताछ

  • लगातार 1500 किमी का सफर
    करते हुए बालक का पता लगाया।

पंढरपुर स्टेशन पर मिला सुराग

बालक पंढरपुर रेलवे स्टेशन के CCTV में उतरते हुए दिखा। इसके बाद पुलिस टीम ने शहर में जगह-जगह तलाश की—
मंदिर परिसर, बस स्टैंड, मठ, नदी किनारा, बाज़ार आदि।

अंततः मिला बालक – 2 दिसंबर की दोपहर

लगातार खोजबीन के बाद 2 दिसंबर 2025 को ऋषिकेश सरगम चौक के पास S.K. सैलून के पास दिखाई दिया।
टीम ने उसे सुरक्षित अपने कब्जे में लिया और अकोला लाकर माता-पिता के हवाले किया।

कठिन परिस्थितियों में सफल कार्रवाई

मोबाइल न होने, कोई गवाह न मिलने और परिवार के पास अतिरिक्त जानकारी न होने के बावजूद अकोला पुलिस ने सटीक रणनीति और अथक मेहनत से बच्चे को सुरक्षित ढूंढ निकाला।

कार्रवाई के संचालन में शामिल अधिकारी व कर्मचारी

 पुलिस अधीक्षक : श्री अर्चित चांडक अपर पुलिस अधीक्षक : श्री बी. चंद्रकांत रेड्डी के मार्गदर्शन में तथा  SDPO शहर विभाग : श्री सुदर्शन पाटिल के नेतृत्व में पो.नि. शंकर शेळके, स्थानिक गुन्हे शाखा अकोला , पो. नि. मनोज केदारे, स.पो.नि. पुरुषोत्तम ठाकरे, पो. स्टे. खदान, पो.उप.नि. गोपाल जाधव, पो.उप.नि. विष्णु बोडखे, स्था. गु. शा. अकोला एस.डी.पी.ओ. पथक के पो. अंमलदार गिरीष वीर, संतोष गावंडे, अनिल भातखेडे, अमर पवार, मंगेश खेडकर, शैलेश पुगे, भुषन मोरे, संदीप काटकर, स्वप्नील वानखडे इंतर तसेच स्था.गु. शा. येथील अमंलदार सुलतान पठाण, फिरोज आन, उमेश पराये, एजाज अहेमद, राज बंदेल, सतिश पवार, मोहम्मद आमीर, अभिषेक पाठक, अशोक सोनवणे स्था. गु. शा. अकोला ने यह प्रशंसनीय कामगिरी की

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