मुंबई- भारत में भारी वाहन, जिनमें ट्रक और बसें शामिल हैं, अब प्रीमियम कारों जैसी एडवांस्ड सुरक्षा तकनीक से लैस होने जा रहे हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 21 नवंबर 2025 को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया कि अगले दो से तीन वर्षों में देश के सभी M2, M3, N2 और N3 श्रेणी के वाहनों में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) अनिवार्य होंगे। इनमें मिनी बसों से लेकर बड़े कोच और मध्यम से भारी मालवाहक वाहन शामिल हैं।नए नियमों के अनुसार, 1 जनवरी 2027 से इन श्रेणियों के सभी नए मॉडल में व्हीकल स्टेबिलिटी फंक्शन (VSF) और एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS) लगाना अनिवार्य होगा।
पहले से निर्मित हो रहे मॉडल 1 अक्टूबर 2027 तक अनुपालन में लाए जाएंगे। VSF वाहन को स्किड होने या पलटने से बचाने के लिए स्वतः ब्रेक और इंजन कंट्रोल करता है, वहीं AEBS टक्कर का खतरा पहचानकर ब्रेक लगाता है, खासकर तब जब चालक समय पर प्रतिक्रिया न दे पाए।लेन डिपार्चर वार्निंग सिस्टम (LDWS) 1 अक्तूबर 2027 से नए मॉडलों में और 1 जनवरी 2028 से मौजूदा मॉडलों में अनिवार्य हो जाएगा। यह तकनीक वाहन के अनजाने में लेन से भटकने पर आवाज, विजुअल या वाइब्रेशन के जरिए चालक को सचेत करती है।




