

20 साल बाद भारत में कोई मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट होगा 20 साल के बाद भारत में कोई मल्टी स्पोर्ट्स इवेंट होने जा रहा है। इससे पहले 2010 में नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया गया था।CWG के अलावा, भारत 1951 और 1982 एशियन गेम्स की मेजबानी भी कर चुका है। 2003 में हैदराबाद में एफ्रो-एशियन कप का आयोजन भी हुआ था।
क्यों खास है CWG की मेजबानी? कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किसी भी देश के लिए सिर्फ खेल आयोजन नहीं, बल्कि उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि, विकास क्षमता, इन्फ्रास्ट्रक्चर और विजन का भी प्रतीक माना जाता है। अब तक ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित कुल 9 देश इसकी मेजबानी कर चुके हैं। सबसे ज्यादा 5 बार मेजबानी का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के नाम है।
ओलिंपिक-2036 की दावेदारी मजबूत होगी
कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी मिलने से ओलिंपिक गेम्स 2036 की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी मजबूत होगी। भारत 2036 के ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी की तैयारी भी कर रहा है। PM नरेंद्र मोदी ने लाल किले की से इसका ऐलान किया था। पिछले साल नवंबर में भारत ने ओलिंपिक गेम्स-2036 की मेजबानी हासिल करने के लिए दावेदारी पेश की थी।
इंडिया ने पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में 61 मेडल जीते 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में 72 देशों के 5000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया था। भारत ने कुल 61 मेडल जीते 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज। इनमें से 30 मेडल सिर्फ कुश्ती, वेटलिफ्टिंग और एथलेटिक्स से आए थे। महिला क्रिकेट टीम ने भी सिल्वर मेडल जीता था। commonwealth-games
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास भी दिलचस्प है। यह एक मल्टी-स्पोर्ट्स अंतरराष्ट्रीय आयोजन है, जिसमें ब्रिटिश शासन वाले देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। फिलहाल इसमें 54 सदस्य देश हैं। इन गेम्स की शुरुआत 1930 में कनाडा के हैमिल्टन शहर से हुई थी। पहले इसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था। 1978 से इसका नाम ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ हो गया। 2030 के आयोजन में कॉमनवेल्थ गेम्स को 100 साल पूरे होंगे।



