मुंबई- महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में गुठेवारी (जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजन) को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इसके लिए राज्यपाल द्वारा एक नया अध्यादेश जारी किया गया है। यह अध्यादेश नगर निगम, नगर परिषद की सीमाओं और कृषि भूमि पर लागू होगा।
1965 से लेकर 15 अक्टूबर 2024 के बीच की गई गुठेवारी को बिना किसी शुल्क के नियमित (वैध) किया जाएगा। इस अवधि के दौरान जो भी जमीन आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक या किसी अन्य गैर-कृषि उपयोग के लिए दी गई है, उन्हें अब मुफ्त में नियमित किया जाएगा। इस अध्यादेश की संभावित रूप से 1 जनवरी 2026 से अमल में आने की संभावना है। राज्य सरकार ने इसके लिए ‘महाराष्ट्र धारण जमिनीचे तुकडे पाडण्यास प्रतिबंध व त्यांचे एकत्रीकरण कायदा’ (Maharashtra Prevention of Fragmentation and Consolidation of Holdings Act) में संशोधन किया है।
इस फैसले से राज्य के लाखों नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। अध्यादेश के अनुसार — 15 नवंबर 1965 से 15 अक्टूबर 2024 के बीच अगर कोई जमीन आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक या किसी अन्य गैर-कृषि उपयोग के लिए स्थानांतरित की गई है, तो उसे किसी भी अधिमूल्य (प्रीमियम) के बिना नियमित किया जाएगा।
इस कदम से वर्षों से कानूनी उलझनों में फंसे कई भूमि व्यवहार अब वैध हो जाएंगे और नागरिकों को मालकी हक (Ownership Records) प्राप्त करना आसान होगा। यह नियम महानगरपालिका, नगरपरिषदों और विभिन्न विकास प्राधिकरणों के क्षेत्रों में लागू होगा।




