अब मोबाइल पर नंबर के साथ कॉलर का नाम दिखेगा

मुंबई- अब अनजान नंबर से कॉल आने पर आपके मोबाइल स्क्रीन पर कॉलर के नंबर के साथ ही उसका नाम भी दिखेगा। वो भी बिना किसी एप यूज किए। टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI (ट्राई) और DOT (दूरसंचार विभाग) ने मोबाइल कॉल से होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए यह कदम उठाया है।यह नाम वही होगा जो यूजर ने मोबाइल नंबर कनेक्शन लेते समय आईडी प्रूफ में दिया होगा। यह डिफाल्ट सुविधा होगी। अगर कोई यूजर यह सुविधा नहीं चाहता, तो वह इसे डिएक्टिवेट भी करा सकेगा। इस सर्विस के लिए टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में पिछले साल ट्रायल किया था।

यह कदम देशभर में धोखाधड़ी वाली कॉल्स और साइबर अपराधों जैसे डिजिटल अरेस्ट और वित्तीय घोटालों को रोकने के लिए उठाया गया है। इससे उपभोक्ता को पता होगा कि उसे कौन कॉल कर रहा है, जिससे वह फर्जी कॉल्स को पहचानने में सक्षम होगा।

इन्हें मिलेगी छूट

  • जिन उपभोक्ताओं ने कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन रिस्ट्रिक्शन (CLIR) की सुविधा ले रखी है, उनका नाम कॉल आने पर नहीं दिखेगा।
  • यह सुविधा सामान्य उपभोक्ताओं, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को दी जाती है।
  • फोन कंपनियां CLIR लेने वाले सामान्य ग्राहकों की पूरी जांच करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि जरूरत पड़ने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसका एक्सेस मिल सके।
  • बल्क कनेक्शन, कॉल सेंटर और टेली मार्केटर इस सुविधा का फायदा नहीं ले सकते।

स्पैम कॉल या मैसेज किसी अनजान नंबर से लोगों को किए जाने वाले कॉल या मैसेज होते हैं। जिसमें लोगों को लोन लेने, क्रेडिट कार्ड लेने, लॉटरी लगने, किसी कंपनी की कोई सर्विस या सामान खरीदने का झांसा दिया जाता है। यह सभी कॉल या मैसेज आपकी अनुमति के बिना की जाती हैं।आमतौर पर स्पैम कॉल उन लोगों को ज्यादा आते हैं, जो स्पैम कॉल उठाते हैं और उसका जवाब देते हैं। स्पैम कॉल का जवाब देने से आपका नंबर कंपनी के पास उन नंबरों की लिस्ट में जुड़ सकता है, जो उनका फोन आम तौर पर उठाते हैं और रिस्पॉन्स देते हैं, क्योंकि एडवर्टाइजमेंट कंपनियां या स्कैमर्स सोचते हैं कि इन लोगों को कभी-न-कभी निशाना बनाया जा सकता है। इसलिए आप जितना कम स्पैम के जाल में फंसेंगे, आपको उतनी ही कम स्पैम कॉल आएंगी।

TRAI और DoT में क्या तय हुआ?

  • पुराना सुझाव: TRAI ने फरवरी 2024 में ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNAP) नाम की इस सर्विस के लिए DOT को जो सिफारिश भेजी थी, उसमें कहा गया था कि यह सर्विस तभी शुरू हो जब कॉल रिसीव करने वाला उपभोक्ता खुद इसके लिए रिक्वेस्ट करे।
  • DOT की राय और बदलाव: DOT ने TRAI को वापस भेजे अपने पत्र में कहा कि यह सर्विस डिफॉल्ट मिलनी चाहिए। अगर किसी उपभोक्ता (जिसे कॉल आ रही है) को यह सर्विस नहीं चाहिए, तो वह रिक्वेस्ट करके इसे बंद करवा सकता है।
  • TRAI की सहमति: TRAI ने DOT के इस विचार को मान लिया है और अब दोनों विभाग एकमत हैं।

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