मुंबई- प्रदेश के ग्रामीण इलाकों की बस्तियों और सड़कों का अब जाति सूचक नाम नहीं रखा जा सकेगा। राज्य सरकार ने सभी बस्तियों और सड़कों के वर्तमान जाति सूचक नाम बदलने का आदेश दिया है। गुरुवार को प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। जिसमें सरकार की तरफ से जाति सूचक नाम बदलकर नया नाम देने के लिए कार्य पद्धति तय की गई है। इसके तहत बस्तियों और सड़कों का जाति सूचक नाम बदलने के लिए संबंधित गांव को ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित करके समूह विकास अधिकारी के पास भेजना होगा।
फिर समूह विकास अधिकारी संबंधित प्रस्ताव की जांच करके जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पास भेजेंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रस्ताव को संबंधित जिलाधिकारी के पास भेजना होगा। इसके बाद संबंधित जिलाधिकारी नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर सकेंगे।
सरकार का कहना है कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की कई बस्तियों और सड़कों का नाम जाति सूचक है। यह महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील प्रदेश को शोभा नहीं देता है। प्रदेश में सामाजिक समरसता और सौहार्द पैदा करने और राष्ट्रीय राष्ट्रीय एकात्मता बढ़ाने के लिए बस्तियों और सड़कों के जाति सूचक नाम को बदला जाए। इसके जगह पर बस्तियों और सड़कों को महापुरुषों और लोकतंत्र के मूल्य से संबंधित नाम देना उचित होगा।