शेगांव (बुलढाणा) – अकोला एंटी करप्शन ब्युरो (ACB) की टीम ने शेगांव तहसील के दो तलाठियों के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप में कार्रवाई की है। दोनों तलाठी – अरुण गुलाबसिंग डाबेराव (57) और अमोल सोपान गीते (36) पर एक जेसीबी व दो टिप्पर वाहनों को छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की लाच मांगने का आरोप है।
जानकारी के अनुसार, तक्रारकर्ता के चचेरे भाई की जेसीबी और टिप्पर रेत-मुरुम की ढुलाई करते हैं। 10 सितंबर को ग्राम मातरंगाव के तलाठी अरुण डाबेराव ने तीनों वाहन अवैध मुरुम उत्खनन के आरोप में पकड़ लिए और कहा कि कार्यवाही रोकनी है तो 50,000 रुपये देने होंगे। दबाव में आकर शिकायतकर्ता ने 19,000 रुपये मौके पर दे दिए, जबकि बाकी 31,000 रुपये अगले दिन देने को कहा गया।शिकायतकर्ता ने रिश्वत की शेष रकम देने से इंकार कर 11 सितंबर को एसीबी अकोला से संपर्क किया। एसीबी ने 12 सितंबर को पहली बार रिश्वत मांग की जाँच कर कार्यवाही की, जिसमें आरोपी डाबेराव ने समझौते के बाद 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की और कहा कि यह रकम तलाठी अमोल गीते की है।
इसके बाद 22 सितंबर को दोबारा जांच के दौरान अमोल गीते ने शिकायतकर्ता से कहा, “रकम लाई है तो दे दो,” और रिश्वत की राशि लेने की कोशिश की। लेकिन उसी दिन ट्रैप कर की जाने वाली कार्यवाही में आरोपियों को शक हो गया जिससे उन्होंने रकम लेने से टालमटोल की।
आखिरकार 30 सितंबर 2025 को एसीबी ने दोनों तलाठियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत शेगांव शहर थाने में केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की।यह कार्रवाई एसीबी अमरावती परिक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक मारुति जगताप, अपर पुलिस अधीक्षक सचिंद्र शिंदे और अकोला एसीबी डीएसपी मिलिंदकुमार बहाकर के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक प्रविण वेरूळकर व उनकी टीम द्वारा की गई।
एसीबी की अपील
एसीबी ने नागरिकों से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी-कर्मचारी या उनके माध्यम से कोई व्यक्ति शासकीय कार्य के लिए रिश्वत की मांग करता है, तो तुरंत एसीबी अकोला से संपर्क करें