अब अहिल्यानगर के नाम से जाना जाएगा अहमदनगर रेलवे स्टेशन, स्टेशन कोड में नहीं होगा बदलाव

मुंबई- भारतीय रेलवे ने पुणे मंडल, मध्य रेलवे के अहमदनगर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अहिल्यानगर कर दिया है। यह बदलाव लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर को श्रद्धांजलि देने और महाराष्ट्र सरकार के अहमदनगर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करने के फैसले के तहत किया गया है। इसके अलावा, रेलवे ने अपने सभी जोन को बुनियादी ढांचे के काम के दौरान अधिक सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। रेलवे का कहना है कि सिग्नल और दूरसंचार केबलों को नुकसान सुरक्षा और ट्रेन संचालन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है और इसके ‘विनाशकारी परिणाम’ हो सकते हैं।

भारतीय रेलवे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पहले अहमदनगर के नाम से जाना जाने वाला स्टेशन अब आधिकारिक तौर पर अहिल्यानगर के नाम से जाना जाएगा। स्टेशन कोड में कोई बदलाव नहीं होगा और अहिल्यानगर का स्टेशन कोड ANG ही रहेगा। अमलनेर (बी) और अहिल्यानगर के बीच ट्रेन सेवाएं पहले से ही चालू हैं।

अमलनेर (बी)-बीड नई रेल लाइन का उद्घाटन आज

रेलवे ने बताया कि अमलनेर (बी)-बीड नई रेल लाइन का उद्घाटन 17 सितंबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर बीड से अहिल्यानगर के बीच पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जाएगी। बीड-अमलनेर (बी) खंड में 6 स्टेशन हैं, इनमें बीड, राजुरी (नवगण), रायमोहा, विघनवाड़ी, जतनंदूर और अमलनेर (बी) शामिल हैं। भारतीय रेलवे ने यात्रियों और आम जनता से इस बदलाव पर ध्यान देने की अपील की है।

केबल कटने से ट्रेन संचालन हो रहा बाधित

इसके अलावा, रेलवे बोर्ड ने हाल ही में सभी जोन को एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि सभी जोन ‘बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने के कार्य कर रहे हैं, जैसे दोहरीकरण, यार्ड रीमॉडलिंग, चारदीवारी का निर्माण, सीमित ऊंचाई वाला सबवे (एलएचएस), स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग (एबीएस), कवच आदि। इन कार्यों के निष्पादन के दौरान, केबल कटने या क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं अक्सर सामने आ रही हैं, जिससे सिग्नल फेल हो रहे हैं और ट्रेन संचालन बाधित हो रहा है।

रेलवे ने नुकसान को रोकने के लिए दिए कई सुझाव

रेलवे बोर्ड ने कहा कि रेलवे पटरियों के किनारे सिग्नल और दूरसंचार केबलों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर जोनों को सुरक्षा निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि, ‘केबल कटने/क्षतिग्रस्त होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।’ पत्र में सिग्नल और दूरसंचार केबलों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए कई कदम सुझाए गए हैं, जैसे खुदाई का काम शुरू करने से पहले यूटिलिटी केबलों को दूसरी जगह लगाना, ट्रैक के पास या उसके किनारे कोई भी काम शुरू करने से पहले विभिन्न विभागों के बीच उचित समन्वय, और एकीकृत केबल रूट प्लान का प्रावधान सुनिश्चित करना, जो सभी जोनों को पहले ही भेज दिया गया है।

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