अकोला- जिले के किसान पारंपरिक फसल सोयाबीन, तुअर, मूंग, उड़द, गेहूं, ज्वार की बुआई करते हैं। लेकिन यह फसलें अक्सर किसी प्राकृतिक आपदा से नुकसानग्रस्त हो जाती हैं। जिससे किसानों को भारी नुकसान 19 पहुंचता है। इस नुकसान को टालने जिले के किसानों का रुझान अब उन्नत फसलों की बुआई पर बढ़ गया है।
इसके चलते 29 जुलाई को मंडी में बाजरा, तिल, बरबटी, मका, धनिया एवं काबुली चने की अच्छी आवक हुई। इन कृषि उत्पादों को मंडी में काफी अच्छे दाम भी मिले हैं। फिलहाल पारंपरिक फसलों की आवक कम देखी जा रही है। इसके साथ ही कुछ कृषि उत्पादों के दाम स्थिर नजर आ रहे है, तो कुछ के दामों में तेजी-मंदी चल रही है। मंगलवार को मंडी में बाजरा, तिल, बरबटी, मका, धनिया की अच्छी आवक हुई, जिनमें तिल और धनिया को बेहतर दाम मिले हैं। तिल की दो क्विंटल आवक हुए और उसे 7,525 रु. प्रति क्विंटल के दाम मिले।
धनिया की 10 क्विंटल आवक हुई। धनिया को सोयाबीन से अधिक यानी 5,925 से 6,010 रु. प्रति क्विंटल की दर मिली। इसी तरह मका की 2 क्विंटल आवक हुई व 1,980 रु. की दर तथा बरबटी की एक क्विंटल आवक हुई और उसे 7,000 रु. प्रति क्विंटल की दर मिली है। उन्नत फसलों को पारंपरिक फसलों की तुलना में काफी अच्छे दाम मंडी में मिलते हैं। जिससे जिले के किसानों का रूख धनिया, मका, बरबटी, तिल, बाजरी, काबुली चना आदि फसलों की बुआई करने की ओर बढ़ गया है। उत्पादन के अनुसार आवक कम-ज्यादा रहती है। लेकिन इन्हें मंडी में काफी बेहतर दाम मिलने की उम्मीद किसानों ने व्यक्त की है।