पुलिस, उत्पादन शुल्क, राजस्व और मनपा से संयुक्त अभियान की अपेक्षा
अकोला- शहर में ड्रग्स, नशीले पदार्थ आसानी से मिल रहे हैं. अल्पवयीन को शराब, हुक्का उपलब्ध है. अकोला मानो इन सब बातों का केन्द्र बनता जा रहा. जिससे शहरवासियों ने पुलिसविभाग , राज्य उत्पादन शुल्क, राजस्व और महापालिका से संयुक्त अभियान छेडकर सभी जगह छापे मारकर जाचे की लाइसेंस किसी बात का है और व्यवसाय क्या चल रहा है, इस की गहन जाँच हो . अकोला में बड़ी संख्या में युवा वर्ग नशीले पदार्थ के चपेट में आ रहा है अभी भी कई जगह खुले आम दारू पीते लोग दिखाई दे रहे है , स्चूलो के समीप खुले आम सिगरेट बिक रही केफे में छोटे छोटे पार्टीशन डालकर क्या हो रहा है यह जांचे जब तक कठोर कार्रवाई नहीं होती तब तक इन धंधो में लिप्त लोग बाज नहीं आयेंगे
अनेक बार में नाबालिगों को न केवल प्रवेश दिया जा रहा बल्कि उनके लिए बीयर शराब के पैग भी तैयार किए जाते है. रात बेरात शराब पीकर सडकों पर तेज गति से दौडनेवाले वाहनों को कौन ब्रेक लगायेगा ? यह सवाल भी अकोला वासी उठा रहे हैं. उनका कहना है कि इन होटल्स, बार, रेस्टॉरेंट को किस बात के लाइसेंस दिए गये हैं. उसकी एक बार प्रशासन ने जांच करनी चाहिए.
क्या मनपा संकुलों में भी चल रहे धंधे ?
नागरिकों ने कहा कि शहर की गली- गली में अलग- अलग गैर कानूनी धंधे पनप रहे हैं. उस ओर पुलिस प्रशासन का ध्यान कम ही जाता है. इतना ही नहीं तो महापालिका के संकुल में दी गई जगह पर भी दुकानदार परवाना जिस बात का लिया है, वह उससे अलग व्यवसाय तो नहीं करते इस समीक्षा होनी चाहिए इसलिए शहरवासी ऐसे दुकानों, बार, रेस्टॉरेंट की जांच पडताल की मांग उठा रहे हैं.