शुभ मुहूर्त का पूरा टाइम टेबल
तृतीया तिथि शुरू: 29 अप्रैल शाम 5:31 बजे
तृतीया तिथि समाप्त: 30 अप्रैल दोपहर 2:12 बजे
पूजा मुहूर्त: सुबह 5:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
सोना खरीदने का मुहूर्त: सुबह 5:41 बजे से दोपहर 2:12 बजे तक
अमृत काल: दोपहर 1:25 बजे से दोपहर 2:51 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:14 बजे से सुबह 4:58 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 2:31 बजे से दोपहर 3:24 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:55 बजे से शाम 7:16 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 11:57 बजे से रात 12:40 बजे तक (1 मई)
अक्षय तृतीया भोग
अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं। इस दिन सत्तू, खीर, हलवा, चने की दाल, ऋतु फल और मिठाई आदि भोग में शामिल करना बहुत शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया पूजा विधि
- सुबह उठकर स्नान करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
- खीर का भोग लगाएं।
- अंत में आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।
अक्षय तृतीया का महत्व
इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। अपनी क्षमतानुसार गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। सोना खरीदना भी इस दिन शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया पर श्रद्धापूर्वक पूजा और दान करने से जीवन में भौतिक सुखों और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कर सकते हैं ये शुभ कार्य
अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त भी माना गया है। ऐसे में इस दिन पर बिना किसी मुहूर्त के भी शादी, सगाई, मुंडन आदि जैसे शुभ व मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इसी के साथ ही यह तिथि किसी नए काम की शुरुआत करने के लिए भी काफी शुभ मानी गई है।
करें इन चीजों की खरीदारी
अक्षय तृतीया के दिन स्नान-दान के साथ-साथ सोना-चांदी की खरीदना भी विशेष फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से व्यक्ति को धन-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। इसी के साथ इस दिन पर नमक, मिट्टी और पीतल के बर्तन और पीली सरसों आदि खरीदने से भी आपको लाभ मिल सकता है।
किन चीजों का करें दान
पितरों का मिलेगा आशीर्वाद
अक्षय तृतीया के दिन आप पितृ-तर्पण और पितरों के निमित्त दान भी कर सकते हैं, जिससे आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पर पूर्वजों के नाम पर उनकी पसंद का भोजन और वस्तुओं का दान करें। इसी के साथ अक्षय तृतीया के दिन ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन भी जरूर करवाना चाहिए, पितरों की कृपा आपके पूरे परिवार पर बनी रहती है।