नए ‘Tax Year’से बदल जाएगा टैक्स सिस्टम

नयी दिल्ली- केंद्र सरकार Income Tax Bill 2025 को संसद में पेश करने की तैयारी कर रही है, जिसमें टैक्स प्रणाली को सरल बनाने के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं। इस नए बिल में सबसे बड़ी बात ‘टैक्स ईयर ’ नाम की एक नई अवधारणा को शामिल किया गया है, जिससे टैक्स असेसमेंट के मौजूदा ढांचे में बड़ा बदलाव होगा। इसके अलावा, आयकर कानून की भाषा को सरल बनाने, नियमों में स्पष्टीकरण और प्रोविज़ो को हटाने, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर सख्त प्रावधान लागू करने जैसे कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं।

क्या है नया ‘टैक्स ईयर’ कांसेप्ट? 

आयकर अधिनियम में असेसमेंट ईयर का प्रावधान था, जिसके तहत पिछले वित्तीय वर्ष  में अर्जित आय का कर मूल्यांकन अगले वर्ष में किया जाता था। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2024-25 (1 अप्रैल 2024 – 31 मार्च 2025) में अर्जित आय को असेसमेंट ईयर 2025-26 में आंका जाता। IncomeTax Bill 2025 के तहत अब ‘टैक्स ईयर’ की अवधारणा को अपनाया जाएगा, जो सीधे 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च तक चलेगा। किसी भी नए व्यवसाय या पेशे के लिए टैक्स ईयर उसके शुरू होने की तारीख से लेकर उसी वित्तीय वर्ष के अंत तक होगा। यानी, अब टैक्स का निर्धारण सीधे उस वर्ष की आर्थिक गतिविधियों और आय के आधार पर किया जाएगा।

आयकर प्रणाली को सरल बनाने के प्रयास

इस नए विधेयक में आयकर अधिनियम को सरल बनाने के लिए भाषा में बदलाव किया गया है। इसके चलते मौजूदा 823 पन्नों के कानून को घटाकर 622 पन्नों का कर दिया गया है। हालांकि, पुराने आयकर अधिनियम 1961 और नए बिल में अध्यायों की संख्या 23 ही बनी रहेगी, लेकिन धाराएं 298 से बढ़कर 536 हो गई हैं और शेड्यूल 14 से बढ़कर 16 कर दिए गए हैं।

वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर कड़ी निगरानी

Income Tax Bill 2025 में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टोकरेंसी, डिजिटल टोकन आदि) को भी आयकर विभाग की सर्च और जब्ती की सूची में जोड़ा गया है। अब यदि कोई व्यक्ति अघोषित आय छुपाता है, तो उसमें नकदी, आभूषण, सोना, बुलियन के साथ वर्चुअल डिजिटल एसेट्स भी जोड़े जाएंगे।

करदाताओं के लिए क्या होंगे फायदे?

  1. सरल और स्पष्ट भाषा: कानूनी जटिलताओं को कम करने के लिए प्रोविज़ो और स्पष्टीकरणों को हटाया गया है।
  2. टैक्स ईयर का नया मॉडल: अब आयकर को वित्तीय वर्ष के हिसाब से आंका जाएगा, जिससे भ्रम की स्थिति खत्म होगी।
  3. सैलरी पर कर लाभों की स्पष्टता: स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट जैसे प्रावधानों को अब एक ही स्थान पर रखा गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को आसानी होगी।
  4. डिजिटल एसेट्स पर सख्ती: क्रिप्टोकरेंसी जैसी संपत्तियों की निगरानी बढ़ेगी, जिससे टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी।
  5. राजस्व मान्यता और इन्वेंट्री मूल्यांकन के नए नियम: सेवा अनुबंधों से होने वाली आय और इन्वेंट्री के मूल्यांकन से जुड़े नए प्रावधान लाए गए हैं।

आगे क्या होगा?

यह विधेयक शुक्रवार को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे एक संसदीय समिति को भेजा जाएगा, जो इस पर अपनी सिफारिशें देगी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर, कैबिनेट (Income Tax Bill 2025) अंतिम निर्णय लेगा और आवश्यक संशोधन शामिल किए जाएंगे। इसके बाद यह बिल संसद में वापस आएगा और सरकार इसके कार्यान्वयन की तारीख तय करेगी।

टैक्स सुधार की दिशा में बड़ा कदम

सरकार लंबे समय से आयकर अधिनियम को सरल बनाने के प्रयास कर रही थी। अक्टूबर 2024 में, आयकर विभाग ने नए आयकर कानून (Income Tax Bill 2025) पर सुझाव मांगे थे, जिसमें 6,500 से अधिक सुझाव मिले थे। इससे पहले भी 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में एक नया प्रत्यक्ष कर कानून प्रस्तावित किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका।

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