अकोला- गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जरूरतमंद नागरिकों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. अब इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए हर जिले के कलेक्टर कार्यालय में एक विशेष सहायता कक्ष स्थापित किया जाएगा. इससे जरूरतमंद मरीजों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना और भी आसान हो जाएगा.
पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा खर्चों में भारी वृद्धि हुई है. किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थागत खामियों के कारण आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता. इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना शुरु की गई है.इस योजना के तहत अवयव प्रत्यारोपण, जलने की चोटें, दुर्घटनाएं सहित कुल 20 गंभीर बीमारियों को सहायता के लिए पात्र माना गया है. नवजात शिशुओं की सर्जरी, डायलिसिस, घुटना प्रत्यारोपण आदि के लिए 25,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाती है. इससे गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों को राहत मिलेगी.
इस सहायता के लिए सीएम रिलीफ फंड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. इसके अलावा, ई-मेल या डाक के माध्यम से भी आवेदन स्वीकार किए जाते हैं.
जिलाधिकारी कार्यालयों में बनेगा विशेष कक्ष
पहले इस योजना की जानकारी देने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी कार्यालय में एक-दो लिपिकों को दी जाती थी. अब हर जिले में एक विशेष सहायता कक्ष स्थापित किया जाएगा. अब जिला स्तर पर स्वतंत्र सहायता कक्ष स्थापित किया जाएगा, जिसकी निगरानी वरिष्ठ अधिकारी करेंगे. इससे जरूरतमंद मरीजों को त्वरित आर्थिक सहायता मिलना सुनिश्चित होगा.
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि प्राप्त करने के लिए मंत्रालय जाने की आवश्यकता नहीं है. इस योजना के तहत मदद पाने के लिए 8650567567 पर टोल-फ्री कॉल या व्हाट्सएप हेल्पलाइन के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है
कौन कर सकता है आवेदन ?
जिनकी वार्षिक आय ₹1.60 लाख से कम है. सर्जरी, प्रत्यारोपण, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सहायता उपलब्ध है.